108 साल की हज्जाम, जारी रखना चाहती हैं काम
टोक्यो, 6 मार्च (एजेंसी)
दुनिया की सबसे बुजुर्ग हज्जाम भले ही 108 साल की हैं, लेकिन दुबली-पतली एवं सफेद बालों वाली इस जापानी महिला की तत्काल अपने काम से सेवानिवृत्त होने की कोई योजना नहीं है। शित्सुई हाकोइशी नामक इस बुजुर्ग महिला ने कहा कि इस सप्ताह ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ द्वारा औपचारिक मान्यता मिलने से उन्हें बहुत खुशी मिली है। उन्हें इस अंतर्राष्ट्रीय फ्रैंचाइज़ की ओर से आधिकारिक प्रमाणपत्र दिया जा चुका है।
‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में पुरुष हज्जामों के लिए एक अलग श्रेणी है, लेकिन 2018 में 107 वर्ष की आयु में प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले अमेरिका के एंथनी मैनसिनेली की इस बीच मृत्यु हो गई, जिससे हाकोइशी इस रिकॉर्ड की एकमात्र धारक रह गईं। हाकोइशी नौ दशक से इस पेशे में हैं तथा उनका कहना है कि इसका श्रेय उनके ग्राहकों को जाता है। टोक्यो के उत्तर-पूर्व में तोचिगी प्रांत में अपने गृहनगर नाकागावा में एक व्यायामशाला में आयोजित प्रेस वार्ता में हाकोइशी ने कहा, ‘मैं केवल अपने ग्राहकों की वजह से ही इस स्तर पर पहुंच पाई हूं। मैं अभिभूत हूं और खुशी से भर गई हूं।’
14 साल की उम्र से शुरू किया था काम
नाकागावा के एक किसान परिवार में 10 नवंबर, 1916 को जन्मीं हाकोइशी ने 14 साल की उम्र में हज्जाम बनने का फैसला किया और टोक्यो चली गईं, जहां उन्होंने प्रशिक्षु के रूप में अपने हुनर को निखारा। उन्होंने 20 साल की उम्र में हज्जाम के रूप में लाइसेंस प्राप्त किया और अपने पति के साथ मिलकर एक सैलून खोला। हाकोइशी ने कहा कि वह अपनी कैंची छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।