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पेंशन से वंचित 100 प्रतिशत दिव्यांग, भटक रहे परिजन

07:49 AM Jul 04, 2024 IST

पवन बटार/निस
छछरौली, 3 जुलाई
प्रदेश सरकार की ओर से खंडस्तर पर कैंप लगाकर नागरिकों को बुढ़ापा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, आयुष्मान कार्ड, फैमिली आईडी, राशन कार्ड जैसी अनेकों सुविधाएं घर बैठे देने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। कई लोग पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने काे मजबूर हैं। गांव अराईयांवाला निवासी 25 वर्षीय शत प्रतशित दिव्यांग रितु आज भी पेंशन से वंचित है। दिव्यांग रितु के फिंगरप्रिंट नहीं आने की वजह से उसका आधार कार्ड नहीं बना और न पेंशन मिल पाई। मामला सुर्खियों में आने के बाद उसकी कुरुक्षेत्र में उसकी डॉक्टरी जांच कराई गई। जिसके आधार पर उसका आधार कार्ड बन सका। स्वास्थ्य विभाग ने उसकी तुरंत मेडिकल बोर्ड द्वारा डॉक्टरी जांच कराई गई जिसमें वह 100 प्रतिशत दिव्यांग पाई गई। 16 अप्रैल 2023 को शत प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी किया गया। दिव्यंग्ता का सर्टिफिकेट बने भी एक साल बीत चुका है, लेकिन उसे दिव्यांग की पेंशन नहीं मिल पाई है। बीपीएल परिवार में मां व उसकी तीन बेटियां हैं। जिनके पास गुजर-बसर का अन्य कोई जरिया भी नहीं है। दिव्यांग की मां अंगुरी देवी ने बताया कि उसकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी विवाहित है। उससे छोटी रितु जिसका जन्म 12 अक्टूबर 1999 को हुआ। वह शत प्रतिशत दिव्यांग है। सबसे छोटी बेटी अंजलि स्कूल जाती है। रितु न ही चलफिर सकती है न कुछ बोल सकती है। उसे खाना पीना भी उसकी छोटी बहन अंजलि ही अपने हाथों से कराती है। वे पिछले 15 साल से दर-दर भटक रहे हैं। अंगूरी देवी का कहना है कि रितु का दिव्यांगता सर्टिफिकेट पिछले साल जारी किया गया था लेकिन जिला समाज कल्याण विभाग पेंशन लगाने को तैयार नहीं है। ग्राम पंचायत अराईयांवाला के सरपंच सचिन राणा ने बताया कि वह रितु के परिवार के साथ पेंशन के लिए कई बार दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन कहीं सुनवाई नहीं की जा रही है।

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