सड़क किनारे मिली ब्लड की 100 थैलियां, सनसनी
गोहाना (सोनीपत), 17 नवंबर (हप्र)
शहर से सटे गांव गुढ़ा के निकट रविवार की शाम को रोड पर ब्लड की 100 से अधिक थैलियां पड़ी, मिलने से सनसनी फैल गई। इन थैलियों पर 13 नवंबर की तिथि अंकित है। अधिकतर थैलियों से ब्लड निकला जा चुका था और कुछ में बचा हुआ था। ये थैलियां मित्रा कंपनी की ओर से जारी की गई हैं। थैली के साथ में कुछ बायोमेडिकल वेस्ट भी पड़ा हुआ था। नागरिक अस्पताल गोहाना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और थैलियों को अपने कब्जे में लिया। विभाग द्वारा लापरवाही बरतने वाले ब्लड बैंक का पता लगाकर उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुढ़ा और रोहतक रोड के बीच में संपर्क मार्ग पर रविवार शाम करीब 5 बजे गांव गुढ़ा के कुलदीप सिंह बाइक पर शहर से गांव जा रहे थे। जब वे गांव के निकट पहुंचे तो रोड पर ब्लड यूनिट की थैलियां बिखरी पड़ी थी। इसके बाद अन्य ग्रामीण भी आ गए। ग्रामीणों के अनुसार मौके पर 100 से अधिक थैलियां पड़ी थीं। इनको प्लास्टिक के कट्टे और पॉलीथिन में भरकर यहां फेंका गया था। नागरिक अस्पताल गोहाना से एसएमओ डॉ. संजय छिक्कारा और डॉ. श्याम सुंदर नरवाल अपनी टीम के साथ पहुंचे। टीम ने थैलियों की जांच की। रोड किनारे जिस कंपनी की थैलियां मिली हैं उसकी फैक्ट्री फरीदाबाद में है। थैलियों पर कंपनी का पता मित्रा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली-मथुरा रोड, फरीदाबाद लिखा हुआ है। कंपनी द्वारा किस ब्लड बैंक ये थैलियां जारी की गई थी, इसका जांच में पता लग पाएगा। गोहाना में जो ब्लड यूनिट के 100 से अधिक थैलियां मिली हैं, उनमें चार दिन पहले ब्लड लिया गया था। लोगों का कहना है कि इतने कम समय में किसी ब्लड बैंक द्वारा इतना यूनिट ब्लड इस्तेमाल किया जाना मुश्किल है।
ग्रामीणों ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का पता लगाकर कार्रवाई की जाए।
बायोमेडिकल वेस्ट होने की भी आशंका
मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बायोमेडिकल वेस्ट होने की संभावना भी जताई है। अधिकारियों का कहना है कि ब्लड यूनिट थैलियों में जो ब्लड बचा हुआ है उसे क्रास जांच के लिए रखा जा सकता है। क्रास जांच के बाद उसे बैग में ही छोड़ दिया गया हो। इसके बावजूद इस तरह से बायोमेडिकल वेस्ट भी फेंकना लापरवाही है।
"ब्लड की थैलियां कब्जे में ली हैं। बैग के साथ कुछ बायोमेडिकल वेस्ट भी मिला है। उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। अगर यह बायोमेडिकल वेस्ट है तो ऐसे फेंकना गलत है।"
- डॉ. संजय छिक्कारा, एसएमओ, नागरिक अस्पताल, गोहाना