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हिमाचल में सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 10 साल कैद

11:38 AM Aug 14, 2022 IST

शिमला, 13 अगस्त (निस)

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हिमाचल प्रदेश में सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 10 साल की जेल की सजा होगी और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। विपक्ष के विरोध के बीच शनिवार को विधानसभा में हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी गई। अब जबरन या किसी भी तरह के लालच से सामूहिक धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा। बिल के पास होने के बाद अब अगर दो या दो से ज्यादा व्यक्तियों ने धर्म परिवर्तन किया तो उसे सामूहिक धर्म परिवर्तन माना जाएगा।

विपक्ष ने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की। धर्म परिवर्तन की शिकायत मिलने पर उप निरीक्षक के स्तर से नीचे का पुलिस अधिकारी जांच नहीं कर सकेगा और मुकदमा सत्र न्यायालय में ही चल सकेगा।

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस बिल पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि धर्म परिवर्तन की आज जो स्थितियां प्रदेश में बनी हैं, उनमें अत्यधिक कड़े कानून की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी तक धर्म परिवर्तन की घटनाएं किन्नौर, रामपुर और दूरदराज के क्षेत्रों तक सीमित थी लेकिन अब कुल्लू के आनी और बंजार में भी गरीबों के बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के मामले सामने आये हैं।

एक माह पहले नोटिस जरूरी

इस अधिनियम में धर्म परिवर्तन करने से पूर्व एक महीना पहले मजिस्ट्रेट के सामने शपथपत्र देना होगा। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई दोबारा से अपने मूल धर्म में आना चाहता है तो उसे कोई पूर्व नोटिस नहीं देना होगा। अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के बाद भी अपने मूल धर्म के तहत सुविधा प्राप्त करता रहता है तो उसे दो साल की सजा का प्रावधान किया गया है और इस सजा को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस तरह के मामलों में अब मुकदमा सत्र न्यायालय में ही चल सकेगा।

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