पेपर लीक जैसे मामलों में 10 साल कैद, एक करोड़ तक जुर्माना
नयी दिल्ली, 9 फरवरी (एजेंसी)
संसद ने सरकारी भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक तथा फर्जी वेबसाइट जैसी अनियमितताओं के खिलाफ तीन साल से 10 साल तक की जेल और न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने के प्रावधान वाले ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024’ को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने इस विधेयक पर हुई चर्चा का कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह द्वारा जवाब देने के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
सिंह ने विधेयक के जरिये राज्यों के अधिकारों में अतिक्रमण करने के कुछ सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र किसी पर यह थोप नहीं रहा है किंतु यदि कोई राज्य इसे अपनाना चाहता है तो केंद्र उसको सुविधा प्रदान करेगा। विधेयक में कहा गया है, ‘प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक होना’, ‘सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत रूप से किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार की सहायता करना’ और ‘कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना’ किसी व्यक्ति, लोगों के समूह या संस्थानों द्वारा किए गए अपराध हैं। विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी। इसमें नकल पर रोकथाम के लिए न्यूनतम तीन साल से पांच साल तक के कारावास और इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में लागू होगा ओबीसी आरक्षण
संसद ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर से संबंधित तीन विधेयकों मंजूरी दे दी। इनमें स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने तथा वाल्मीकि समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रावधान शामिल हैं।