केंद्रीय पूल में नहीं जमा करवाया 10 लाख क्विंटल चावल
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 2 जुलाई
अतिरिक्त समय मिलने के बावजूद राइस मिलरों द्वारा केंद्रीय पूल में करीब 10 लाख क्विंटल सरकारी चावल जमा नहीं कराया गया, जो दर्शाता है कि राइस मिलर्स किस तरह से सरकार के साथ आंख-मिचौली का खेल खेलने में लगे हैं। केंद्र सरकार की ओर से 2 बार पेंडिंग चावल जमा कराने का समय मिलने के बाद भी केंद्रीय पूल में चावल जमा न करवाना राइस मिलर्स की मनमानी की ओर इशारा करने के लिए काफी हैं।
हैरानी की बात यह है कि अकेले करनाल जिले (जिसमें असंध, निसिंग, पिंगली रोड व करनाल व तरावड़ी शािमल है) को करीब 7 लाख 39 हजार 39 हजार क्विंटल चावल जमा करवाना हैं, जो सबसे बड़ी मात्रा हैं। सवाल उठना लाजिमी है कि राइस मिलर्स सरकारी चावल क्यों जमा नहीं करवा रहे। एक आढ़ती ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सारे मामले की जांच केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से करवायी जानी चाहिए। मामले में खरीद एजेंसियों के इंस्पेक्टरों, एएफएसओ की जिम्मेदारी की भी जांच होनी चाहिए।
चावल के दामों में लगातार इजाफा : बाजार में चावल के दामों में काफी इजाफा हो चुका हैं। बाहरी प्रदेशों में भी चावल महंगा हैं, जो कई मिलर्स के लिए मुसीबत बना हुआ हैं। सरकार को तुरंत प्रभाव से मिलों की फिजिकल वेरीफिकेशन करवानी चाहिए, वेरीफिकेशन करने वाले अधिकारी करनाल के नहीं बल्कि केंद्रीय अधिकारी होने चाहिए, तभी मामले की सच्चाई निकलकर सामने आ पाएगी। अन्यथा डेट बढ़ने का खेल चलता ही रहेगा।
कई राइस मिलर्स डकार गए अरबों के चावल
करनाल में इससे पहले भी कई राइस मिलर्स सरकार का अरबों का चावल डकार गए हैं। हालांकि राइस मिलर्स का तर्क होता है कि वे सरकार को पूरा चावल लौटा देंगे, लेकिन कब लौटाएंगे, इस बारे में कोई स्पष्ट रूपरेखा नहीं होती। कई राइस मिलर्स ऐसे भी जो अपना पूरा चावल केंद्रीय पुल में जमा करवा चुके हैं। एक राइस मिलर ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जब पूरा होगा तभी तो चावल जमा हो पाएगा।