होम, ऑटो लोन की ईएमआई होगी कम
मुंबई, 7 फरवरी (एजेंसी)
सुस्त पड़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से भारतीय रिजर्व बैंक ने लगभग पांच साल बाद शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने की घोषणा की। रेपो दर घटने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न लोन सस्ते होने एवं इनकी मासिक किस्त (ईएमआई) में कमी आने की उम्मीद है।
आरबीआई के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ने छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के बाद कहा कि समिति ने आम सहमति से रेपो दर में कटौती का निर्णय किया है। रेपो दर वह प्रमुख ब्याज है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए इस दर का उपयोग करता है। रेपो दर करीब दो साल से 6.50 प्रतिशत पर स्थिर थी।
बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन
डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन- ‘बैंक डॉट इन’ और ‘फिन डॉट इन’ शुरू किये जाने की घोषणा की है।
अगले वित्त वर्ष 6.7% वृद्धि का अनुमान
आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जबकि मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार के 6.4 प्रतिशत के वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है। वहीं मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
ब्याज दर कटौती से भी नहीं सुधरा बाजार
रेपो दर में कटौती की घोषणा का स्थानीय शेयर बाजारों पर असर नहीं दिखा। विदेशी कोषों की निकासी के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 198 अंक टूट गया। वहीं निफ्टी में 43 अंक का नुकसान रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 197.97 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 77,860.19 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 582.42 अंक गिरकर 77,475.74 अंक पर आ गया था। एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 43.40 अंक यानी 0.18 प्रतिशत गिरकर 23,559.95 अंक पर आ गया। यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार तीसरा दिन रहा।