चंडीगढ़, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)हरियाणा सरकार ने पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों से जुड़ी एक अहम सड़क को फोर लेने बनाने की मंजूरी दी है। होडल से पटौदा तक वाया नूंह व पटौदी तक की करीब 71 किमी लम्बाई की इस सड़क पर 616 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बुधवार को यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई स्थाई वित्त समिति ‘सी’ की बैठक में यह निर्णय लिया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) मंत्री रणबीर सिंह गंगवा भी मौजूद रहे। दरअसल, यह सड़क परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा है। सड़क फोर लेने होने के बाद होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा सड़क पर माल और यात्री दोनों की आवाजाही की दक्षता बढ़ेगी। परियोजना से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों : दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19), दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4), गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) और दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) पर कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। इतना ही नहीं, बिलासपुर, पथरेरी, अडबर, बावला, भजलाका, बिवान, छारोड़ा, फतेहपुर, गोवारका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखो, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहिन, भीमसिका, कोट, मलाई, नांगलजाट, सौंदहद, उत्तावर गांवों के अलावा नूंह, होडल, तावड़ू, नूंह और पलवल शहर को भी इससे लाभ होगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) के अधिकारियों को टेंडर आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव लाएं ताकि ऑनलाइन माध्यम से टेंडर प्राप्त करने के बाद ठेकेदारों द्वारा परियोजना को छोड़ देने या अयोग्य घोषित किए जाने के कारण विकास परियोजनाओं में होने वाली अनावश्यक देरी को दूर किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि नई प्रणाली के तहत यदि एल-1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) किसी कारण से परियोजना को बीच में ही छोड़ देता है, तो अनुबंध स्वतः एल-2 बोली लगाने वाले को दे दिया जाए, जो निर्धारित दरों पर काम को पूरा करे।बिजली उपभोक्ताओं को 274 करोड़ की राहतघरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बैठक में 2 किलोवाट तक के स्वीकृत भार और 100 यूनिट से कम मासिक खपत वाले घरों के लिए मासिक न्यूनतम शुल्क माफ करने के लिए 274 करोड़ रुपये को मंजूरी प्रदान की गई। इस फैसले से राज्य भर में लगभग 9.5 लाख परिवारों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में मासिक न्यूनतम शुल्क माफ करने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य कम खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनसे बिजली की न्यूनतम मासिक खपत के लिए शुल्क नहीं लिया जाए।हर पात्र को मिलेगा 100 गज का प्लाटअपने वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने हाउसिंग फॉर आल विभाग को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सभी पात्र परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत 5 लाख से अधिक व्यक्तियों ने प्लॉट के लिए आवेदन किया है और सभी पात्र लाभार्थियों को जल्द ही विभिन्न चरणों में प्लॉट मिलेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र परिवार छूट न जाए, मुख्यमंत्री ने विभाग को अभिनव समाधान तलाशने के निर्देश दिए। जिन मामलों में व्यक्तिगत पंचायतों में उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां 4-5 गांवों का एक बनाया जाये और सभी पात्र लाभार्थियों के लिए प्लॉट का उचित आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगभग 2950 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में ग्रामीण परिवारों को आवास समाधान प्रदान करना है।