हुर्रियत से टूटे तीन और संगठन, कश्मीर ने चुना संविधान का रास्ता : अमित शाह
श्रीनगर, 8 अप्रैल (एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद पर एक और बड़ा प्रहार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि घाटी के तीन प्रमुख संगठन — जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट — अब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अलग हो गए हैं। इसके साथ ही पिछले कुछ समय में हुर्रियत से किनारा करने वाले संगठनों की संख्या 11 पहुंच गई है। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘इन संगठनों का अलगाववाद छोड़ना भारत के संविधान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण में विश्वास का प्रतीक है।’ शाह ने इसे कश्मीर में बदलते जनमत और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत बताया।
गृह मंत्री तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं और इसी दौरान उन्होंने यह अहम जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश एकजुट और शक्तिशाली हो रहा है। अब तक 11 संगठन हुर्रियत को अलविदा कह चुके हैं। यह हमारे एकीकृत भारत की दिशा में अहम कदम है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब बीते महीने भी कई संगठनों ने हुर्रियत से नाता तोड़ दिया था। 25 मार्च को जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट और जम्मू-कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट जैसे समूहों ने खुद को अलग घोषित किया था। उसके बाद जम्मू-कश्मीर तहरीकी इस्तेकलाल और जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकामत भी अलग हो चुके हैं।
शाह ने दावा किया कि मोदी सरकार की कड़ी और स्पष्ट ‘एकीकरण नीति’ ने कश्मीर से अलगाववाद की जड़ें उखाड़ दी हैं। उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम घाटी में लोकतंत्र और विकास की दिशा में बड़ा
संकेत है।