हिमाचल में अनुबंध कर्मियों को नियमित होने के बाद मिलेगा वरिष्ठता लाभ
शिमला, 20 दिसंबर (हप्र)
अदालती आदेशों के बाद वरिष्ठता सूची में संशोधन की प्रतीक्षा कर रहे हिमाचल के हजारों अनुबंध कर्मचारियों को अब जॉइनिंग की तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्य में कर्मचारियों के भर्ती व पदोन्नति नियमों में बदलाव संबंधी विधेयक सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक अनुबंध पर तैनात कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद
तय होगी।
शुक्रवार को विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार के कुछ अनुबंध कर्मचारी अदालत गए थे और उन्होंने जॉइनिंग की तिथि से नियमितीकरण का लाभ मांगा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अनुबंध कर्मचारियों को जॉइनिंग की तिथि से वरिष्ठता दी जाती है तो बड़ी संख्या में पहले से ही नियमित कर्मचारियों को डिमोट करना पड़ेगा। इससे सारा सिस्टम बिगड़ जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक प्रदेश के हित में है और इससे सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ भी कम होगा।
इससे पूर्व, भाजपा सदस्य त्रिलोक जम्वाल ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि अनुबंध कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी लड़ाई जीती है, जिसे सरकार अपने एक फरमान से खत्म करना चाह रही है। विधायक हंस राज ने कहा कि यह विधेयक आना ही नहीं चाहिए था, इसका सीधा असर प्रदेश के 1.36 लाख से अधिक कर्मचारियों पर पड़ रहा है।
लोक सेवक की गिरफ्तारी से पहले अनुमति लेना अनिवार्य
हिमाचल में किसी भी लोक सेवक की गिरफ्तारी से पहले सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वहीं, एनजीओ ग्रेड-2 रैंक तक के पुलिस कर्मियों का राज्य काडर होगा। पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को विधानसभा में पुलिस संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया।