हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे ढांचे की वैधता पर अंतिम फैसला लेने की समय सीमा बढ़ाई
इस आवेदन को स्वीकारते हुए न्यायाधीश संदीप शर्मा ने निगम आयुक्त को 6 सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया। गौरतलब है कि इस मामले के जल्द निपटारे के लिए संजौली के स्थानीय निवासियों की ओर से याचिका दायर की गई थी। यह मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में लंबित है। याचिका के माध्यम से नगर निगम आयुक्त को मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात सभी पक्षों की सहमति से इस याचिका का 21 अक्तूबर को निपटारा करते हुए नगर निगम आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर मस्जिद से जुड़ी 2010 की शिकायत का निपटारा करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद निगम आयुक्त द्वारा फैसला नहीं किया गया और प्रार्थी को अनुपालना याचिका दायर करनी पड़ी। अभी अनुपालना याचिका को सूचीबद्ध भी नहीं किया गया था कि निगम आयुक्त द्वारा 8 सप्ताह के अतिरिक्त समय की मांग करते हुए एक आवेदन हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
उल्लेखनीय है कि पांच अक्तूबर को नगर निगम शिमला की आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड के आवेदन पर संजौली में पांच मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलें गिराने की अनुमति दी थी। हाईकोर्ट में नगर निगम शिमला की ओर से निगम आयुक्त के ढांचा गिराने संबंधी आदेशों का हवाला देते हुए स्थानीय निवासियों की ओर से दायर याचिका को खारिज करने की मांग की थी। इस मांग को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मामले के शीघ्र निपटारे की मांग पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।