हाई कोर्ट में 21 जुलाई को होगी जनहित याचिका पर सुनवाई
कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर उपयुक्त हलफनामा दायर करने के आदेश जारी किए। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2023 के तहत बनाए नियम में लावारिस कुत्तों को नसबंदी और रोगाणु रहित करने के बाद उसी स्थान पर छोड़ा जाता है जहां से उन्हें पकड़ा जाता है। कोर्ट ने कहा था कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है, क्योंकि ऐसा करने से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इनके आक्रमण से ज्यादा खतरा पैदा होता है।
कोर्ट ने इन आदेश को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा था कि उक्त प्रावधान में उपयुक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। कोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए थे कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयत्नों को जारी रखे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के इन आदेश के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रदेश की राजधानी सहित अन्य शहरों में रोजाना कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले सामने आ रहे हैं।