हाईटेंशन लाइन प्रशासन से मिले किसान नेता
झज्जर, 25 नवंबर (हप्र)
राजस्थान के कुछ हिस्से से शुरू होकर वाया झज्जर के रास्ते से दिल्ली पहुंचाई जाने वाली किसी कंपनी की हाईटेंशन तार का मामला अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जहां इस मामले में धारा-163 के तहत खेतों में लाइन बिछवाने की बात कही गई है, वहीं किसान नेताओं ने झज्जर जिला प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है। सोमवार को किसान कामगार यूनियन के नेता इस मामले को लेकर जिला उपायुक्त से मिलने झज्जर पहुंचे।
किसान नेता सत्येंद्र लोहचब के नेतृत्व में आए किसान जिला उपायुक्त के कार्यालय में न होने की वजह से डीआरओ प्रमोद चहल से मिले और अपना पक्ष रखा। किसानों का कहना था कि एक तरफ तो एनजीटी के आदेशोें के तहत एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप-4 लगाया हुआ है। दूसरी तरफ, जिला प्रशासन इन्हीं आदेशाें का उल्लंघन कर धारा-163 के तहत खेतों में लाइन बिछवाने की बात कह रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उनकी केंद्रीय बिजली मंत्रालय से बात चल रही है। सीएम से मिलकर वह अपना पक्ष रख चुके हैं। उन्होंने ऊपरी स्तर पर आश्वासन पूरा मुआवजा दिए जाने के मिल रहे हैं। लेकिन झज्जर जिला प्रशासन एक तरह से किसानों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रहा है। मीडिया से बातचीत में किसान नेता सत्येेंद्र लोहचब ने कहा कि उन्हें डीआरओ की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि किसानों की सहमति के बगैर किसी भी कार्रवाई को अागे नही बढ़ाया जाएगा। लोचहब ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की जाती है तो फिर वह आंदोलन की अगली रणनीति बनाने के लिए मजबूर होंगे।