'हर घर नल' योजना बनी ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल
सीवन, 1 जुलाई (निस)
हरियाणा सरकार की 'हर घर नल' योजना गांव खानपुर के लोगों के लिए पानी की सुविधा का सपना नहीं बल्कि एक कभी न खत्म होने वाली मुसीबत बन गई है। लगभग 18 महीने पहले जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई पाइप लाइन बिछाने की परियोजना अधूरी पड़ी है। गांव की गलियों और लोगों के घरों को भी बर्बादी की कगार पर पहुंचा चुकी है। गांव निवासी सुभाष ने बताया कि जब यह काम शुरू हुआ था तब सभी ग्रामीणों ने इसे लेकर खुशी जताई थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया यह योजना ग्रामीणों के लिए परेशानी का बनती चली गई। ठेकेदार द्वारा जेसीबी मशीन से की गई खुदाई ने गलियों की संरचना को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। ग्रामीणों की राय थी कि यदि खुदाई मजदूरों से करवाई जाती तो गलियों को कम नुकसान होता और मरम्मत भी आसान होती। सुभाष ने बताया कि कार्य शुरू होते समय ठेकेदार ने भरोसा दिलाया था कि जहां-जहां खुदाई होगी वहां गलियों और नालियों को पहले जैसा ठीक कर दिया जाएगा, लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी गलियों की मरम्मत अधूरी है। कुछ गलियों में नाममात्र की मरम्मत की गई है। ईंटों के नीचे गिट्टी या भराव नहीं डाला गया, जिससे गलियां धंसने लगी हैं। खस्ता हालत में पड़ी नालियों से पानी रिसकर कई घरों की नींव तक पहुंच रहा है, जिससे मकानों में दरारें आने लगी हैं।
सीएम विंडो से मिला सहारा
जब बार-बार की शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद विभागीय अधिकारी गांव पहुंचे और मरम्मत कार्य की शुरुआत हुई। लेकिन अब अभी मरम्मत कार्य जेसीबी से किया जा रहा है, जिससे फिर वही परेशानी उत्पन्न हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार केवल कामचलाऊ रवैया अपना रहा है और मानकों का बिल्कुल पालन नहीं कर रहा। लीकेज को ठीक करने के लिए की गई खुदाई फिर से शुरू हो गई है, जिससे यह साफ है कि ठेकेदार द्वारा काम में गुणवत्ता नहीं बरती गई है।
पंचायत ने ठीक करवाए लोगों के कनेक्शन : सोनू सैनी
सरपंच प्रतिनिधि सोनू सैनी ने बताया कि शुरुआत में ही ठेकेदार को जेसीबी का इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी। उन्होंने कहा कि खुदाई के दौरान पूरे गांव की गलियों और नालियों को नुकसान हुआ और घरों के पुराने जल कनेक्शन तोड़ दिए गए। कुछ लोगों ने अपने स्तर पर कनेक्शन ठीक करवाए, जबकि बाकी को पंचायत द्वारा ठीक करवाया गया। जब इस बारे में ठेकेदार से बात की गई तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह जिम्मेदारी लोगों की है।