चंडीगढ़, 7 मार्च (ट्रिन्यू)हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को राज्यपाल अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश की भाजपा सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां गिनवाई। साथ ही, उन्होंने मौजूदा नायब सरकार का विजन भी स्पष्ट किया। प्रदेश में यह पहला मौका है जब बजट सत्र की शुरूआत नेता प्रतिपक्ष (विपक्ष का नेता) के बिना हुई। कांग्रेस अभी तक भी विधायक दल के नेता का चयन नहीं कर पाई है।राज्यपाल अभिभाषण के बाद विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला व पूर्व कैबिनेट मंत्री सतपाल सांगवान सहित कई नेताओं, शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। भाजपा ने कांग्रेस द्वारा विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने पर चुटकी ली है। परिवहन, बिजली व श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि कुछ विधायक चाह रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता विपक्ष बनें, लेकिन हाईकमान नहीं चाह रहा है। उन्होंने कहा, 'जो लोग विधायक दल का नेता नहीं चुन पा रहे हैं, वे सरकार या विपक्ष कैसे चलाएंगे।'सीएम नायब सिंह सैनी ने पदम विभूषण तथा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ़ मनमोहन सिंह, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व मंत्री डॉ़ कृपाराम पूनिया, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह औजला, चौधरी कर्म सिंह, हेमराज, स्वतंत्रता सेनानी सरदार बाज सिंह सहित शहीदों को श्रद्धांजलि प्रकट कर दो मिनट का मौन रखा गया। विपक्ष की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व रानियां से इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने शोक संदेश पढ़े।राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सुबह 10.45 बजे विधानसभा पहुंचे। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण, सीएम नायब सिंह सैनी, संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा व डिप्टी स्पीकर डॉ़ कृष्ण लाल मिड्ढा ने उनका स्वागत किया। आमतौर पर नेता प्रतिपक्ष राज्यपाल को रिसीव करने जाते हैं। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपना नेता नहीं चुना है, इसलिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सदन में तो मौजूद रहे, लेकिन वे राज्यपाल को रिसीव करने के लिए बाहर नहीं पहुंचे।कांग्रेस विधायक करते रहे इंतजारकांग्रेस विधायकों को उम्मीद थी कि शुक्रवार को सत्र के दौरान ही विधायक दल के नेता की घोषणा पार्टी हाईकमान द्वारा कर दी जाएगी। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। अब शनिवार व रविवार को विधानसभा की छुट्टी रहेगी। सोमवार को राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान को उम्मीद है कि होली तक सीएलपी लीडर का फैसला हो जाएगा। अगर कांग्रेस इस बार भी देरी करती है तो पूरा बजट सत्र बिना विपक्ष के नेता के चल सकता है।कांग्रेस विधायकों के चेहरों पर मायूसीनेता प्रतिपक्ष का फैसला नहीं होने की वजह से कांग्रेस विधायकों के चेहरों पर मायूसी साफ देखने को मिली। कांग्रेसियों को बिना ‘सेनापति’ के ही सदन की कार्यवाही में भाग लेना पड़ रहा है। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा भी जा रहा है। पिछले चार महीने में यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस को बिना विधायक दल के नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल हो रही है। अक्तूबर में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र हुआ था। उस समय तक भी कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हो पाई थी।