रामकुमार तुसीरसफीदों, 5 दिसंबरहरियाणा में जन वितरण प्रणाली लचर होने लगी है। प्रदेश भर में अनेक डिपो होल्डर्स से मिल रही जानकारी के अनुसार राशनकार्ड धारकों को गेहूं बांटने के काम के लिए उनका कमीशन 200 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। यह कमीशन पिछले 6 महीने का बकाया है, जिसके भुगतान के लिए अनेक डिपो होल्डर व्यक्तिगत रूप से तथा उनके संगठन के पदाधिकारी भी मुख्यालय जा चुके हैं। ऑल हरियाणा डिपो होल्डर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ज्ञानचंद अग्रवाल ने बताया कि जन वितरण प्रणाली में राशनकार्ड धारकों को गेहूं बांटने पर 200 रुपये प्रति क्विंटल का कमीशन विभाग की तरफ से देने का प्रावधान है। प्रदेश में 9411 राशन डिपो हैं। उन्होंने बताया कि यह कमीशन जून 2024 से अब तक की अवधि का नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल व मई 2024 का कमीशन 5 अगस्त 2024 को उनके खाते में डाला गया था, उसके बाद का कमीशन बकाया है। बकाया कमीशन भुगतान के लिए जब वे मुख्यालय जाते हैं तो कभी किसी अधिकारी के तबादले का बहाना बना लिया जाता है, तो कभी किसी डीलिंग हैंड के छुट्टी पर होने का बहाना होता है। अग्रवाल ने बताया कि कई बार तो उन्हें यह कहकर मुख्यालय से टरका दिया गया कि कमीशन कंफेड में चला गया है। दो-चार दिन में आपके खाते में मिल जाएगा, लेकिन आज तक प्रदेश के डिपो होल्डर्स खाली हाथ हैं। अग्रवाल ने बताया कि नवंबर माह का राशन गेहूं व सरसों तेल जो अक्तूबर की 25 तारीख तक राशन डिपो पर पहुंच जाना चाहिए था, राशनकार्ड धारियों के लिए आज तक सप्लाई नहीं किया गया है। उधर, खाद्य एवं आपूर्ति, उपभोक्ता मामले विभाग ने माना कि प्रदेश के 11 जिलों फरीदाबाद, भिवानी, कैथल, झज्जर, चरखी दादरी, पानीपत, यमुनानगर, सिरसा, अंबाला, नूह व फतेहाबाद के जिन राशनकार्ड धारकों को नवंबर का गेहूं, सरसों तेल या सोयाबीन तेल नहीं मिल पाया है। उसका कहना है कि बीपीएल व एएवाई राशनकार्ड धारकों को गेहूं 19 दिसंबर तक तथा सरसों व सोयाबीन का तेल 31 दिसंबर तक राशन कार्ड धारकों को जारी करने का निर्देश दिया गया है।पीओएस मशीन व कांटे खराब : डिपो धारकों के अनुसार राशनकार्ड धारी को राशन जारी करने और इसका इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाने की पीओएस मशीन ज्यादातर खराब पड़ी हैं। डिपो होल्डर्स बताते हैं कि 7 वर्ष पहले उन्हें दी गई इन मशीनों की वैधता केवल 5 वर्ष की थी। ये मशीने करीब 3 वर्ष से खराब हैं। इनकी वैधता समाप्त हुए भी 2 वर्ष का समय हो गया है।