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हरियाणा में हार पर कांग्रेस नेतृत्व गंभीर, संगठन में बड़े बदलाव के संकेत

05:11 AM Nov 30, 2024 IST
हरियाणा में हार पर कांग्रेस नेतृत्व गंभीर  संगठन में बड़े बदलाव के संकेत
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 नवंबर
हरियाणा विधानसभा चुनावों में उम्मीद से खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने हार के कारणों पर गंभीरता से विचार किया है। शुक्रवार को नयी दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। हरियाणा से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला और रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बैठक में हिस्सा लिया। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने आपसी गुटबाजी और नेताओं की एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी को चुनावी हार का मुख्य कारण बताया। खड़गे ने कहा कि अनुशासनहीनता और एकता की कमी के चलते पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने साफ किया कि अब ऐसी लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसको लेकर लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है। नेताओं को गुटबाजी खत्म करने और बयानबाजी बंद करने को कहा है। पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को हरियाणा संगठन की नयी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, इससे पहले बनाई गई फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी और प्रदेश यूनिट की रिपोर्ट भी आ चुकी है। अब संगठन में बड़े बदलावों की संभावना जताई जा रही है।

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अति-आत्मविश्वास पड़ा भारी

लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद कांग्रेस अति-आत्मविश्वास का शिकार हो गई। टिकट वितरण में पक्षपात और गुटीय राजनीति ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया। बैठक के बाद संकेत मिले हैं कि हरियाणा संगठन में व्यापक बदलाव किए जा सकते हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता (सीएलपी) का लंबित फैसला भी जल्द लिया जा सकता है। पार्टी अब अनुशासन, एकता, और मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ने पर जोर दे रही है।

लगातार तीसरी हार

हरियाणा में कांग्रेस की यह तीसरी बड़ी हार है। 2005 में 67 सीटें जीतने के बाद पार्टी ने 2009 में 40 सीटें हासिल की थीं। 2014 में यह आंकड़ा 15 पर सिमट गया। 2019 में सुधार हुआ, और 31 सीटें मिलीं। लेकिन इस बार 60 सीटें जीतने की उम्मीद के बावजूद कांग्रेस 37 पर सिमट गई।

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हार के कारण

गुटबाजी और बयानबाजी : नेतृत्व का रुख अनुशासनहीनता पर सख्ती।
संभावित बदलाव : संगठन और नेतृत्व में सुधार।

पिछले प्रदर्शन : 2005 से अब तक लगातार गिरावट।
आगे की राह : आगे की राह क लिए एकता और अनुशासन पर जोर।

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