हरियाणा में नए कानून 31 मार्च तक लागू करने की तैयारी, सीएम 10 को करेंगे समीक्षा
चंडीगढ़, 7 जनवरी (ट्रिन्यू)
नायब सरकार ने नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। चंडीगढ़ के बाद हरियाणा दूसरा प्रदेश होगा, जहां पर नए कानूनों के आधार पर न्याय मिलेगा। गृह विभाग की ओर से नए कानूनों को लागू करने का रोडमैप तैयार कर लिया है और आगामी 31 मार्च तक नए कानूनों को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी 10 जनवरी को नए कानूनों को लागू करने की तैयारियों की समीक्षा करेंगे और बढ़ते अपराध व नशा गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेंगे। हरियाणा में नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए गृह विभाग पूरे जोरों के साथ तैयारियों में जुटा है। आगामी 31 मार्च तक नए कानूनों को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि नए कानूनों को लागू करने में गृह विभाग, पुलिस, कोर्ट, प्रासिक्यूशन (अभियोजन) तथा जेल विभाग में आपसी समन्वय जरूरी है।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से त्वरित न्याय और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है। प्रदेश की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के आधार पर न्याय मिलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
मास्टर ट्रेनर तैयार, वकीलों को भी किया जा रहा जागरूक
गृह सचिव सुमिता मिश्रा के मुताबिक गृह विभाग नए आपराधिक कानूनों को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाए हुए है और मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। ये मास्टर ट्रेनर जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों को नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दे रहे हैं। यही नहीं, वकीलों को भी नए कानूनों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। केंद्र सरकार के संकलन एप का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेशभर में 37 हजार वकील हैं, जिसमें से 24 हजार वकीलों को संकलन एप डाउनलोड कराया जा चुका है। संकलन एप में नए और पुराने कानूनों को आसानी से समझा जा सकता है।
त्वरित मिलेगा इंसाफ
गृह सचिव सुमिता मित्रा का कहना है कि नए कानूनों को लागू करने वाला हरियाणा पहला प्रदेश होगा। नए कानूनों के लागू होने से इंसाफ में देरी नहीं होगी। नए कानूनों में न्याय की टाइम लाइन निर्धारित की गई है। इसमें गवाह और साक्ष्य महत्वपूर्ण होंगे, ऐसे में विभाग की ओर से फोरेंसिक जांच को भी पुख्ता बनाया जा रहा है। नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जो समयावधि निर्धारित की गई है, उसे उसी अवधि में ही लागू किया जाएगा।