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हरियाणा में अस्पतालों में वेटिंग लिस्ट से होगी डाक्टरों की तैनाती

04:17 AM Jul 13, 2025 IST
हरियाणा में अस्पतालों में वेटिंग लिस्ट से होगी डाक्टरों की तैनाती
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विसचंडीगढ़, 12 जुलाई
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हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में अब वेटिंग लिस्ट में शामिल रहे डाक्टरों को तैनाती दी जाएगी। इस संबंध में विभाग की तरफ से फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी गई है। यहां कई दिनों से फाइल अटकने के कारण तैनाती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के 777 खाली पद भरने की कवायद पिछले कई माह से चल रही है लेकिन अभी तक इन पदों पर शत-प्रतिशत तैनाती नहीं हो पाई है।

इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बाद सरकार की तरफ से 502 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे। जिसके बाद शेष बचे 275 पदों पर भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट में से करीब 126 डॉक्टरों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद नियुक्ति पत्र सौंप जाने हैं। यह डॉक्टर पिछले करीब दो माह से ज्वाइनिंग की इंतजार कर रहे हैं। अभी तक इन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं।

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हरियाणा में डाक्टरों के रिक्त पदों का मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र में उठा था। जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने प्रदेश में डॉक्टरों के करीब 777 रिक्त पदों को भरने का ऐलान किया था। अब निकट भविष्य में विधानसभा का मानसून सत्र आने वाला है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग चाहता है कि विधानसभा में दोबारा यह मुद्दा उठने से पहले ही भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।

नियुक्ति पत्र से जुड़ी फाइल सीएम नायब सिंह सैनी के पास पहुंच गई है। अब वहां से मंजूरी मिलने के बाद इन डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। अभी वेटिंग लिस्ट से जुड़े 126 डॉक्टरों की ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है कि विभाग ने वेटिंग लिस्ट से ही जुड़े 58 अन्य डॉक्टरों को दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया है। इन्हें पंचकूला स्थित मुख्यालय पर दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया है।

प्रदेश में डॉक्टरों के खाली 777 पदों पर भर्ती के लिए रोहतक पीजीआई द्वारा परीक्षा ली गई थी। इसका परिणाम स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया था। अब उनमें से शार्टलिस्टेड उम्मीदवारों को दस्तावेजों की जांच और बॉयोमेट्रिक के लिए बुलाया जा रहा है, ताकि इन्हें नियुक्ति पत्र देकर प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में बनी डॉक्टरों को कमी को पूरा किया जा सके। सीएमओ में फाइल अटकने के कारण डाक्टरों की तैनाती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।

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