हरियाणा को ‘ड्रग-फ्री’ बनाने के लिए तीन-तरफा हमला करने की तैयारी
चंडीगढ़, 9 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा को ‘ड्रग फ्री’ यानी नशामुक्त बनाने के लिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) ने तीन-तरफा निर्णायक कार्रवाई की रणनीति तैयार कर ली है। कानूनी शिकंजा, आर्थिक तबाही और सामाजिक चेतना—इन तीन स्तंभों पर आधारित यह लड़ाई अब महज़ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नशा तस्करों के पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
ब्यूरो के प्रमुख और डीजीपी ओपी सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित अहम बैठक में पूरे राज्य से जुड़े पुलिस व नारकोटिक्स अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अब नशा तस्करी से अर्जित संपत्तियों को केवल अटैच नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें जब्त कर सार्वजनिक रूप से ध्वस्त भी किया जाएगा। डीजीपी ने इसे सरकार, समाज और तकनीक के संयुक्त प्रयास से लड़ी जाने वाली निर्णायक जंग बताया।
शहरी इलाकों में चलेगा समन्वित अभियान
ओपी सिंह ने निर्देश दिए कि राज्य के उन शहरी इलाकों की पहचान की जाए जहां नशे का प्रभाव अधिक है। वहां एक समन्वित रणनीति लागू की जाएगी, जिसमें कानून के साथ-साथ समाज की भागीदारी, जागरूकता अभियानों और पुनर्वास केंद्रों की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा, “नशा केवल एक अपराध नहीं, एक सामाजिक बीमारी है, जिसे केवल पुलिस नहीं, समाज को भी मिलकर खत्म करना होगा।”
अवैध कमाई पर सबसे पहले वार
एनसीबी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि अब कार्रवाई का पहला केंद्रबिंदु नशा तस्करों की अवैध संपत्ति होगी। पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत आदतन अपराधियों को हिरासत में लेकर पहले उनकी संपत्ति अटैच की जाएगी और फिर उसे सार्वजनिक रूप से नष्ट किया जाएगा ताकि समाज को सशक्त संदेश मिले कि नशे से जुड़ी हर संपत्ति कानून की जद में है।
छह महीने में 138 केस, 247 गिरफ्तारी
जनवरी से जून 2025 के बीच ब्यूरो ने 138 मुकदमे दर्ज कर 247 तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें 40 मामले वाणिज्यिक मात्रा से संबंधित थे। बाकी मध्यम और कम मात्रा से जुड़े थे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वाणिज्यिक ड्रग्स से जुड़े मामलों पर विशेष फोकस करें और लंबित केसों की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करें।
तकनीक बनेगी नई ताकत
अब ड्रग नेटवर्क की डिजिटल परतें भी खोली जाएंगी। ऑनलाइन लेनदेन, सोशल मीडिया कनेक्शन और साइबर लिंक की जांच कर नशा कारोबारियों की आर्थिक व डिजिटल गतिविधियों का पता लगाया जाएगा। पुलिस इकाइयों को डिजिटल फॉरेंसिक को जांच प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
एनसीआर में सिंथेटिक ड्रग्स पर विशेष ध्यान
गुरुग्राम और एनसीआर क्षेत्र में सिंथेटिक और फार्मा ड्रग्स की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए एनसीबी ने यहां विशेष सतर्कता अभियान चलाने की योजना बनाई है। साथ ही, दो हेल्पलाइन नंबर—9050891508 और 1933—जारी किए गए हैं, जिन पर कोई भी नागरिक नशा संबंधित सूचना गुप्त रूप से साझा कर सकता है।
पुनर्वास और जन-जागरूकता की नई पहल
अब हर थाने के पास रिहैब सेंटर स्थापित करने की योजना है। स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार, नुक्कड़ नाटक और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जाएगा। ‘ऱीहैबिलिटेशन इज़ अ राइट’ जैसे भावनात्मक अभियानों से समाज में नशे के खिलाफ सकारात्मक सोच विकसित की जाएगी।