तेल अवीव, 16 जनवरी (एजेंसी)इस्राइल और गाजा के बीच संघर्ष विराम की चौतरफा तारीफ होने के बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमास 'दोनों पक्षों के बीच बनी कुछ सहमतियों से आखिरी समय में पीछे हट गया, जिसके चलते गाजा पट्टी में लंबे समय से जारी युद्ध को खत्म करने और सैकड़ों बंधकों की रिहाई का रास्ता खोलने वाला बहुप्रतीक्षित संघर्ष-विराम समझौता लटक गया है।' नेतन्याहू के कार्यालय ने हमास पर अधिक रियायतें हासिल करने के लिए समझौते की कुछ शर्तों से मुकरने का आरोप लगाया। गौर हो कि अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और एक प्रमुख मध्यस्थ कतर ने संघर्ष-विराम समझौते की घोषणा की थी, जिसकी शर्तों में हमास की ओर से इस्राइली बंधकों की चरणबद्ध रिहाई, इस्राइल में कैद सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की आजादी, गाजा के हजारों विस्थापितों को वापस लौटने की अनुमति देना और क्षेत्र में जरूरी मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है। समझौते से उम्मीद जगी कि गाजा में बंधक बनाए गए अनेक लोगों को रिहा किया जाएगा तथा लड़ाई रोकी जाएगी, जिससे 15 महीने से चल रहा युद्ध समाप्त हो जाएगा। इस युद्ध ने मध्य पूर्व को अस्थिर कर दिया है तथा विश्व भर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया।ट्रंप और बाइडेन दोनों ने लिया श्रेयवाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही संघर्ष विराम समझौते पर सहमति का श्रेय ले रहे हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'यह युद्ध विराम समझौता नवंबर में हमारी ऐतिहासिक जीत के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया, क्योंकि हमारी जीत ने पूरी दुनिया को संकेत दिया कि मेरा प्रशासन शांति चाहेगा और सभी अमेरिकियों एवं हमारे सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समझौतों पर बातचीत करेगा।' वहीं, बाइडेन ने कहा कि 'इस कार्य को पूरा करने के प्रयासों में मेरे कूटनीतिक प्रयास कभी नहीं रुके। यह दृढ़ एवं मेहनत वाली अमेरिकी कूटनीति का भी फल है।'इस्राइली हमले में 72 की मौत : गाजागाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि युद्ध विराम समझौते की घोषणा के बाद से इस्राइली हमलों में 72 लोग मारे गए हैं। पिछले संघर्षों में, दोनों पक्षों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए युद्ध विराम लागू होने से पहले अंतिम घंटों में सैन्य कार्रवाई तेज कर दी थी।