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हमारा लक्ष्य प्रदेश के भविष्य को उज्ज्वल बनाना : आरती सिंह राव

04:03 AM Jul 12, 2025 IST
आरती सिंह राव, स्वास्थ्य मंत्री
हिसार, 11 जुलाई (हप्र)स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने शुक्रवार को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से 'उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा अभियान' का शुभारंभ किया। यह राज्यव्यापी अभियान विशेष रूप से स्कूली बच्चों को नि:शुल्क चश्मे उपलब्ध कराने और 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को निकट दृष्टि सुधार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। अभियान के तहत विभिन्न जिलों में हो रहे कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ते हुए कैबिनेट मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल नेत्र जांच और चश्मा वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि हरियाणा के नागरिकों को आत्मनिर्भर, समान और स्वस्थ समाज की ओर अग्रसर करने की एक ठोस पहल है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ आंखों की रोशनी बहाल करना नहीं, बल्कि हरियाणा के भविष्य को भी उज्ज्वल बनाना है।

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कार्यक्रम के दौरान बच्चों की आंखों की जांच के लिए शिविर भी लगाया गया। शिविर के दौरान नेत्र विशेषज्ञों ने आंखों की जांच की। कैबिनेट मंत्री आरती सिंह राव ने भी शिविर में अपनी आंखों की जांच करवाई। इस अवसर पर महापौर प्रवीण पोपली, हिसार जिलाध्यक्ष आशा खेदड़, स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. ब्रह्मदीप सिंधु, हिसार एसडीएम ज्योति मित्तल, सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत, उप सिविल सर्जन डॉ. सुभाष खतरेजा, डॉ. तरुण सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कैबिनेट मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि यह अभियान नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इम्पेयरमेंट के तहत संचालित किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष बजट प्रावधान भी किया गया है। इसके अंतर्गत 1.4 लाख से अधिक चश्मों का एक साथ वितरण किया जाएगा, जो कि राज्य के 22 जिला अस्पतालों, 50 उपमंडलीय अस्पतालों और 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा। यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा और अनूठा अभियान है। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत 14 हजार 267 राजकीय स्कूलों में पढ़ रहे लगभग 21 लाख छात्रों की आंखों की जांच की जाएगी, जिनमें से 40 हजार जरूरतमंद छात्रों को नि:शुल्क चश्मे वितरित किए जाएंगे। साथ ही, 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की मोतियाबिंद की जांच भी की जाएगी तथा आवश्यकता होने पर उन्हें सरकारी या एनजीओ अस्पतालों में नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा दी जाएगी।

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