हिसार, 7 फरवरी (हप्र)चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में न केवल हरियाणा, बल्कि देश के अन्य राज्यों में परचम फहरा रही हैं। विश्वविद्यालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद की बीज कंपनी महाकालेश्वर एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि हकृवि द्वारा लगातार विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित की जा रही हैं ताकि किसान कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा गत चार वर्षो के दौरान विभिन्न फसलों की 50 किस्में ईजाद की गई हैं। उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की एचएचबी-67 संशोधित 2 किस्म का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी।हकृवि का महाकालेश्वर एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद के साथ समझौता हुआ है। कुलपति प्रो. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने जबकि कंपनी की तरफ से निदेशक संजीव रेड्डी ने हस्ताक्षर किए।बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि एचएचबी-67 संशोधित-2 किस्म पहले वाली किस्म एचएचबी 67 संशोधित का जोगिया रोग प्रतिरोधी उन्नत रूपांतरण है। यह संकर किस्म हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के बारानी क्षेत्रों में आम काश्त के लिए 2021 में अनुमोदित की गई थी। एचएचबी-67 संशोधित के नर जनक एच 77/833-2-202 को चिन्हित (मार्कर) सहायक चयन द्वारा जोगिया रोग प्रतिरोधी बनाया गया है। इस नयी विकसित संकर किस्म एचएचबी-67 संशोधित-2 में एचएचबी 67 संशोधित के सभी गुण जैसे अतिशीघ्र पकना, शुष्क रोधिता, दाने व चारे की अच्छी गुणवत्ता, अगेती, मध्यम व पछेती बुवाई के लिए उपयुक्तता विद्यमान हैं।...