स्वयं सहायता समूहों के जरिये घुमंतू सिकलीगर समुदाय की महिलाएं नया सवेरा लाने में जुटीं
गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 30 अप्रैल
हम बहनों के काफिले जब आगे बढ़ते जाएंगे, एका को हथियार बनाकर नया सवेरा लाएंगे। एक गीत की ये पंक्तियां घुमंतू सिकलीगर समुदाय के उपमंडल के गांव डेरा हलवाना में दिखाई देती
हैं। प्रयत्न संस्था द्वारा आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजना के तहत यहां पर 15 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं।
स्वयं समूहों से जुड़ी महिलाएं निरंतर गांव में मीटिंगें करती हैं। स्वयं सहायता समूहों की सक्रियता का निरीक्षण करने के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के कार्यकारी अधिकारी छुटकन अली गांव में पहुंचे। जिला कार्यक्रम अधिकारी राम मेहर, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार व डीसीपी हरमीत सिंह सहित स्वयं सहायता समूह से जुड़ी पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर मुंबई से आई विभिन्न फिल्मों में कास्ट्यूम डिजाइन कर चुकी स्नेहा कुमार ने विशेष रूप से शिरकत की और महिलाओं को प्रेरित किया।
गांव डेरा हलवाना में घुमंतू समुदाय के लिए चलाई जाने वाली सीड योजना के तहत प्रयत्न संस्था द्वारा चलाये जा रहे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ एनबीसीएफडीसी के कार्यकारी अधिकारी छुटकन अली ने विस्तृत चर्चा की। उनके रजिस्टर, बैंक की कापियां, उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने समूहों के संचालन की प्रक्रियाओं से महिलाओं को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सीड योजना घुमंतू जातियों की महिलाओं को आर्थिक रूप सशक्त बनाने के लिए है।
इस योजना के तहत घुमंतू जातियों के बच्चे यदि सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं तो उनके लिए मंत्रालय की ओर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि सूरजकुंड सहित देशभर में लगने वाले शिल्प मेलों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए स्टाल उपलब्ध करवाए जाते हैं। ‘दैनिक ट्रिब्यून’ के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने करनाल जिला में सीड के तहत चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों का निरीक्षण किया है।
डेरा हलवाना में समूहों में महिलाओं की सक्रियता उल्लेखनीय है। समूह में अपने सीसीपी के नेतृत्व में बहुत ही अच्छे ढंग से कार्रवाई कर रही हैं और इसका हिसाब भी रखती हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी राम मेहर ने कहा कि घुमंतू जातियों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों को पारदर्शी तरीके से चलाते हुए मिसाल कायम कर रही हैं।
डीसीपी हरमीत सिंह, सीसीपी सविता, बरखा, आशा कौर, निम्मो, सुदीक्षा, किरण, संजना, शीतल, सुनीता, शीतल कौर, शिवानी, उषा, परीक्षा, अंजलि ने बताया कि महिलाओं के लिए आगे बढ़ने का यह सुनहरा मौका है। महिलाएं इस अवसर का भरपूर प्रयोग कर रही हैं।