स्थगित किया जाए बिजली विभाग का निजीकरण : बंसल
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 11 दिसंबर (हप्र)
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने पंजाब के राज्यपाल और यूटी के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से चंडीगढ़ यूटी में बिजली विभाग के निजीकरण के कदम को स्थगित करने और इस बीच कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले इस मामले में यूटी पावरमैन यूनियन, आरडब्ल्यूए, प्रशसक की सलाहकार परिषद और नागरिक समाज से व्यापक विचार-विमर्श करने का आग्रह किया है। बंसल ने कहा कि बीसीपीपी मजदूर संघ बनाम एनटीपीसी और अन्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार सरकार या उसकी संस्थाएं अपने कर्मचारियों की सेवा शर्तों को उनके नुकसान के लिए नहीं बदल सकती हैं और किसी भी कर्मचारी को उसकी विशेष सहमति के बिना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से निजी संगठन में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। बंसल ने चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के मामले का उल्लेख किया, जिन्हें नगर निगम चंडीगढ़ में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिनके सेवानिवृत्ति, पेंशन और अन्य लाभ उन्हें मिलने वाले थे और उन्हें प्रशासन द्वारा विशेष रूप से संरक्षित किया गया था। बंसल ने कहा कि प्रशासन ने चंडीगढ़ प्रशासन के विभिन्न विभागों में सरकारी प्रेस के कर्मचारियों को भी समायोजित किया था, जब इसे बंद कर दिया गया था। जबकि पंजाब इंजीनियर कॉलेज के मामले में, इसके डीम्ड विश्वविद्यालय में परिवर्तित होने पर मौजूदा कर्मचारियों को विधिवत प्रशासन के कर्मचारियों के रूप में स्वीकार कर लिया गया था। इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मास्टर ट्रस्ट के गठन को खारिज कर दिया था और फैसला सुनाया था कि यह चंडीगढ़ प्रशासन के मौजूदा सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। इस सादृश्य पर अब बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए स्थापित करने का प्रस्ताव मास्टर ट्रस्ट भी कानूनी रूप से अस्थिर हो सकता है। बंसल ने कहा कि पावरमैन यूनियन के अलावा आम लोगों को भी बिजली विभाग के निजीकरण के बारे में आशंकाएं हैं। बंसल ने कहा कि यह महसूस किया जा रहा है कि विभाग अच्छी तरह से और लाभप्रद रूप से कार्य कर रहा है। इसलिए इसे विभाग की वर्तमान परिसंपत्तियों के मूल्य से बहुत कम कीमत पर किसी निजी पार्टी को सौंपने का कोई कारण नहीं है।