सेमग्रस्त भूमि में मत्स्य पालन कर सकेंगे किसान
सेमग्रस्त भूमि में मत्स्य पालन के जरिये किसानों की आय भी बढ़ेगी और उनकी भूमि भी उपयोग में लाई जा सकेगी। कृषि व मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने शुक्रवार को विभाग की समीक्षा बैठक में कई अहम मुद्दों पर अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कृषि विभाग की सभी योजनाओं के लिए निर्धारित किए गए बजट का सदुपयोग करें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को सेमग्रस्त भूमि का ताजा सर्वे करने को कहा। अधिकारी मछली पालन की संभावना तलाश कर इसकी कार्ययोजना भी बनाएंगे।
कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। राणा ने मृदा संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य तथा आगामी फसल की बुआई के सीजन को देखते हुए खाद की उपलब्धता की तैयारियाें की भी समीक्षा की और अधिकारियों को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से फसलों के बीज के लिए दिए जा रहे अनुदान के बारे में विस्तार से बात की और निर्देश दिए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
पंचायती भूमी में भी मछली पालन
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुछ गांवों की सेमग्रस्त पंचायती भूमि में मॉडल के तौर पर तालाब बनाकर मछली पालन के लिए पंचायत को प्रोत्साहित करें। अगर सकारात्मक परिणाम आये तो इस मॉडल को राज्य के अन्य किसानों के सामने पेश किया जाएगा। इन मॉडल को दिखाकर किसानों को सेमग्रस्त भूमि में मत्स्य पालन के प्रति आकर्षित करने में आसानी होगी।