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सृष्टि के प्रारंभ से ही सनातन का आरंभ हुआ : ज्ञानानंद महाराज

05:36 AM May 28, 2025 IST
फतेहाबाद, 27 मई (हप्र) सनातन धर्म किसी मजहब और देश से संबंधित नहीं, अपितु जब से सृष्टि प्रारंभ हुई है तब से ही सनातन प्रारंभ हुआ है। यह बात गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कही। वे रामनिवास मोहल्ला स्थित श्री सनातन धर्म हनुमान मंदिर में आयोजित वार्षिक महोत्सव के समापन अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन कर रहे थे। उनके अलावा कैमरी आश्रम के संत राजदास महाराज ने भी प्रवचनों और भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भावमय कर दिया। राजेंद्र मुखी, किशन नारंग माजरा वाले, पार्षद किरण नारंग, अनिल वधवा, रणबीर चौधरी, राजीव चौधरी पवन आहूजा एडवोकेट, तुलसीदास रहेजा, वेद नारंग, हरीश झांब, बसंत मुंजाल, सुभाष खुराना, ईश मेहता, डॉक्टर रमेश मुंजाल ने पूजा-अर्चना में भाग लिया। ज्ञानानंद महाराज ने सनातन के बारे में बताते हुए कहा कि जिसके द्वारा यह सृष्टि बनी है उसके द्वारा ही सनातन का प्रारंभ हुआ। उन्होंने कहा कि विश्व में एक ही ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान स्वयं बोले हैं वो श्रीमद् भगवद्गीता है। उन्होंने कहा कि जब सृष्टि नहीं थी तब भी परमात्मा थे। जब सृष्टि हुई तो भी परमात्मा हैं और सृष्टि नहीं रहेगी तो भी परमात्मा रहेंगे। ये हमारे शरीर भी हैं तो परमात्मा की चेतना के कारण से हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा एक है, जब-जब धर्म की हानि होती है, भगवान किसी न किसी रूप में अवश्य अवतरित होते हैं। परमात्मा की जब-जब जरूरत पड़ती है, जिस रूप में जरूरत पड़ती है, उसी रूप में भगवान अवतरित हुए। आप जिस रूप में भी भगवान को मानो भगवान उसी रूप में आपकी मदद को तैयार रहेंगे। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए संत राजदास महाराज ने कहा कि प्रवचन सुनने मात्र से उद्धार नहीं होता सुनने के बाद उस पर विचार जरूर करना चाहिए। इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन कमेटी के लखमीचंद सरदाना, प्रवीण जिंदल, बबलू जिंदल, जगत रूखाया, डॉक्टर हंसराज कथूरिया, विजय बांगा, योगेश मेहता, ललित शुक्ला, हरीश कथूरिया, पंडित राकेश शर्मा, भूप सिंह, गोकुल राठी, दीपक सरदाना, हंसराज नारंग, मोहन लाल, संगीता परनामी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे। फोटो: फतेहाबाद के हनुमान मंदिर में प्रवचन करते ज्ञानानंद महाराज। -हप्र

फतेहाबाद, 27 मई (हप्र)
सनातन धर्म किसी मजहब और देश से संबंधित नहीं, अपितु जब से सृष्टि प्रारंभ हुई है तब से ही सनातन प्रारंभ हुआ है। यह बात गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कही। वे रामनिवास मोहल्ला स्थित श्री सनातन धर्म हनुमान मंदिर में आयोजित वार्षिक महोत्सव के समापन अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन कर रहे थे। उनके अलावा कैमरी आश्रम के संत राजदास महाराज ने भी प्रवचनों और भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भावमय कर दिया। राजेंद्र मुखी, किशन नारंग माजरा वाले, पार्षद किरण नारंग, अनिल वधवा, रणबीर चौधरी, राजीव चौधरी पवन आहूजा एडवोकेट, तुलसीदास रहेजा, वेद नारंग, हरीश झांब, बसंत मुंजाल, सुभाष खुराना, ईश मेहता, डॉक्टर रमेश मुंजाल ने पूजा-अर्चना में भाग लिया।

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ज्ञानानंद महाराज ने सनातन के बारे में बताते हुए कहा कि जिसके द्वारा यह सृष्टि बनी है उसके द्वारा ही सनातन का प्रारंभ हुआ। उन्होंने कहा कि विश्व में एक ही ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान स्वयं बोले हैं वो श्रीमद् भगवद्गीता है। उन्होंने कहा कि जब सृष्टि नहीं थी तब भी परमात्मा थे। जब सृष्टि हुई तो भी परमात्मा हैं और सृष्टि नहीं रहेगी तो भी परमात्मा रहेंगे। ये हमारे शरीर भी हैं तो परमात्मा की चेतना के कारण से हैं।

उन्होंने कहा कि परमात्मा एक है, जब-जब धर्म की हानि होती है, भगवान किसी न किसी रूप में अवश्य अवतरित होते हैं। परमात्मा की जब-जब जरूरत पड़ती है, जिस रूप में जरूरत पड़ती है, उसी रूप में भगवान अवतरित हुए। आप जिस रूप में भी भगवान को मानो भगवान उसी रूप में आपकी मदद को तैयार रहेंगे।
इस अवसर पर प्रवचन करते हुए संत राजदास महाराज ने कहा कि प्रवचन सुनने मात्र से उद्धार नहीं होता सुनने के बाद उस पर विचार जरूर करना चाहिए।

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इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन कमेटी के लखमीचंद सरदाना, प्रवीण जिंदल, बबलू जिंदल, जगत रूखाया, डॉक्टर हंसराज कथूरिया, विजय बांगा, योगेश मेहता, ललित शुक्ला, हरीश कथूरिया, पंडित राकेश शर्मा, भूप सिंह, गोकुल राठी, दीपक सरदाना, हंसराज नारंग, मोहन लाल, संगीता परनामी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
फतेहाबाद के हनुमान मंदिर में प्रवचन करते ज्ञानानंद महाराज। -हप्र

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