राजेश शर्मा/हप्रफरीदाबाद, 21 फरवरीसूरजकुंड मेले की बड़ी चौपाल पर जब एमडी देसी रॉकस्टार ने मंच संभाला और सुपरहिट गाना "देसी-देसी ना बोला कर छोरी…" गाया, तो पूरा माहौल संगीतमय हो उठा। दर्शकों ने तालियों और ठुमकों से कलाकारों का जोश बढ़ाया। सांस्कृतिक संध्या में सुप्रसिद्ध गायक सुभाष फौजी ने भी अपने गीतों से समां बांध दिया।सूरजकुंड शिल्प मेला परिसर की बड़ी चौपाल पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करते हरियाणवी कलाकार देशी रॉकस्टार एमडी और सुभाष फौजी। -हप्रहरियाणा राज्य पर्यटन निगम और कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकगीतों और आधुनिक हरियाणवी संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला। 'तेरी आख्या का यो काजल', 'ठीक-ठाक रहवे छोरा", 'मैडम बैठ बुलेरो में' जैसे सुपरहिट गानों पर दर्शक झूम उठे।इस मौके पर हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि सूरजकुंड मेला संस्कृति साझा करने का अनूठा मंच है। वहीं, गोवा के कलाकारों ने भी कोंकणी नृत्य और पारंपरिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।सांस्कृतिक पर्यटन की नयी पहचान बना गोवागोवा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डॉ. गणेश गावकर ने कहा कि गोवा सरकार अब पर्यटन को समुद्र तटों से आगे ले जाकर ऐतिहासिक किलों, प्राचीन मंदिरों, बायोडायवर्सिटी पार्कों और जल प्रपातों तक विस्तारित कर रही है। उन्होंने बताया कि 25 प्राचीन मंदिरों के पुनरोद्धार के साथ मेडिसिनल प्लांट्स गार्डन और बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं। 25 फरवरी को महाशिवरात्रि पर सांकरोडे महादेव मंदिर में विशाल शिव महोत्सव का आयोजन होगा। डॉ. गावकर ने कहा कि गोवा में होम स्टे के जरिए पर्यटक कोंकणी संस्कृति को करीब से देख सकते हैं। उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पर्यटन मंत्री डॉ. रोहन खाउंते के प्रयासों की सराहना की, जिनसे राज्य में पर्यटन को नया स्वरूप मिल रहा है।