सुविधा की निकासी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने अपने खाताधारकों को अगले साल से सीधे एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा देने का फैसला किया है। अब तक विभागीय जटिल प्रक्रिया व लालफीताशाही के चलते कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर अपना ही पैसा निकालने के लिये दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। कुल मिलाकर धन निकासी में विभागीय हस्तक्षेप कम करने का प्रयास किया गया है। निश्चित रूप से श्रम मंत्रालय की यह पहल सामाजिक सुरक्षा को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलावकारी कदम है। यह कदम दक्षता सुधार व कर्मचारियों की अपने पैसे तक पहुंच बढ़ाने के लिये सार्वजनिक सेवा के साथ प्रौद्योगिकी के एकीकरण का अच्छा उदाहरण है। दरअसल, फिलहाल ईपीएफओ की निकासी प्रक्रिया में देरी के कारण खाताधारकों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। काफी समय के बाद जरूरतमंदों के खाते तक जरूरी राशि पहुंच पाती है। निश्चय ही पीएफ निकासी कार्ड का उद्देश्य उस लालफीताशाही को दूर करना है, जिसके चलते कर्मचारियों को पैसा समय पर मिल पाएगा। वैसे कुल राशि का पचास फीसदी निकासी सीमा तय करना, वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने तथा दीर्घकालीन बचत सुरक्षा को बढ़ावा देना वाला कदम ही है। इसके अलावा भी ईपीएफओ अपने व्यापक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसमें योगदान की सीमा बढ़ाना, भविष्य निधि बचत को पेंशन के रूप में परिवर्तित करना भी शामिल है। निश्चित रूप से यह पहल सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को ही उजागर करती है। जिसका मकसद अपने कार्यबल के लिये डिजिटलीकरण को बढ़ाना तथा जीवनयापन को आसान बनाना भी है। यह सुखद ही है कि वर्ष 2017 के बाद ईपीएफओ के सत्तर मिलियन सदस्य बढ़े हैं। उल्लेखनीय है कि इस नई सुविधा के लिये संगठन ने अपने खाताधारकों को एक विशेष पीएफ कार्ड देने का निर्णय लिया है। जो बैंक के एटीएम कार्ड की तरह काम करेगा।
बहरहाल, खाताधारक अगले साल जनवरी से अपने कार्ड के जरिये अपने खातों से सीधा पैसा निकाल सकेंगे। निस्संदेह, अब खाताधारकों के लिये पीएफ क्लेम करना और आसान हो जाएगा। वहीं एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा के बाद इसमें मानवीय हस्तक्षेप हो जाएगा। लेकिन एक बार में खाताधारक पीएफ बैलेंस का अधिकतम पचास फीसदी धन ही निकाल पाएंगे। विभाग का कहना है कि आईटी सिस्टम को उन्नत किया जा रहा है ताकि क्लेम प्रक्रिया को आसान व तेज बनाया जा सके। अब खाताधारकों को ईपीएफओ ऑफिस जाने अथवा लंबी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। उपभोक्ता चौबीस घंटे, यहां तक कि छुट्टियों में भी पैसा निकाल सकेंगे। जिससे आपातकालीन जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। हालांकि, फिलहाल भी विशेष परिस्थितियों मसलन घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, शादी व बीमारी पर एक निश्चित रकम निकालने का प्रावधान है। उसमें भी नौकरी की कार्यावधि तथा धन की निर्धारित रकम तक की सुविधा ही शामिल है। ऐसे ही सेवानिवृत्ति से कुछ समय पहले तक एक बड़ी रकम निकालने की सुविधा भी शामिल है। दरअसल, केंद्र सरकार अपने सामाजिक दायित्व को विस्तार देने के क्रम में कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम कर रही है। जिसमें सरकार गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने के मकसद से इन कामगारों को चिकित्सा संरक्षण, डिसएबिलिटी सपोर्ट और पीएफ सुविधाएं देना शामिल है। फिलहाल इन्हें परंपरागत कर्मचारी व्यवस्था के लाभ नहीं मिल रहे हैं। इस तरह ईपीएफओ अपने सक्रिय सदस्यों की सुविधाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में बढ़ी है। मकसद यही है कि उन्हें अधिक सुविधाएं दे सके। निश्चित रूप से हमारे श्रम बाजार को औपचारिक बनाने, भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने तथा सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर इस कार्यबल को मेडिकल कवर व वित्तीय सहायता देना न्यायसंगत ही होगा। सरकार की पहल प्रौद्योगिकी संचालित सामाजिक कल्याण ढांचे में बदलाव की ओर संकेत देती है। इससे व्यवस्था परिचालन की विसंगतियों को दूर करते हुए नागरिक केंद्रित सेवाओं में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी पता चलता है। निश्चित रूप से यह कदम कर्मियों के कल्याण के मद्देनजर समानता व सुविधा के साथ सार्वजनिक संस्थानों के प्रति भरोसा बढ़ाने वाला भी है।