सुनने की समस्या का मिलेगा समाधान, एबीआई तकनीक से होगा इलाज
चंडीगढ़, 18 जनवरी
पीजीआई में आज दो दिवसीय एशिया-प्रशांत क्षेत्र की पहली ऑडिटरी ब्रेनस्टेम इंप्लांट (एबीआई) वर्कशॉप का शुभारंभ हुआ। यह वर्कशॉप सुनने की गंभीर समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। एबीआई तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है जिनके पास कोक्लिया नहीं है या जिनकी श्रवण नसें कार्य नहीं करतीं। न्यूरोफाइब्रोटोसिस टाइप 2 (एनएफ 2) जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह तकनीक सुनने की शक्ति को बहाल करने में सक्षम है। अब तक इन मरीजों के लिए कोई प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं था। पीजीआई में हो रही यह वर्कशॉप इस क्रांतिकारी तकनीक को चिकित्सकों तक पहुंचाने का पहला बड़ा प्रयास है। यह वर्कशॉप ओटोलरिंगोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी विभाग और न्यूरोसर्जरी विभाग के सहयोग से आयोजित की गई है। आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर रामदीप विर्क ने कहा कि यह वर्कशॉप न केवल तकनीकी प्रशिक्षण का माध्यम है, बल्कि मरीजों की जिंदगी बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
विशेषज्ञों का ज्ञान और अनुभव
वर्कशॉप में पद्मश्री प्रोफेसर मोहन कमेस्वरन (एमईआरएफ, चेन्नई) और प्रोफेसर रॉबर्ट बेहर (जर्मनी) जैसे विश्वप्रसिद्ध विशेषज्ञों के साथ डॉ. रामदीप विर्क (पीजीआई), डॉ. रविशंकर (एसजीपीजीआई) लखनऊ, डॉ. अपिंदरप्रीत सिंह (पीजीआई), डॉ. चिराग आहूजा (पीजीआई), डॉ. सत्यभामा (एमईआरएफ, चेन्नई), रंजीत (एमईआरएफ), न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. एसके गुप्ता, प्रो. राजेश छाबड़ा और मारेक पोलाक (एमईडी-ईएल ऑस्ट्रिया) और अन्य प्रमुख विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। इस वर्कशॉप में एम्स दिल्ली, एसजीपीजीआई लखनऊ और रिलायंस अस्पताल मुंबई जैसी संस्थाओं की टीमें भाग ले रही हैं। ईएनटी सर्जन, न्यूरोसर्जन और ऑडियोलॉजिस्ट की संयुक्त भागीदारी इसे और भी खास बना रही है।