सिरसा नगर परिषद चुनाव ‘छोटी सरकार’ के संग्राम में विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे प्रमुख
सिरसा, 18 फरवरी (हप्र)
सिरसा नगर परिषद चुनाव में इस बार निवासी 32 वार्डों के पार्षदों के साथ प्रधान का चुनाव करेंगे। चुनाव के मुख्य मुद्दों में विकास एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे मुख्य हैं। शहर के पार्कों में करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे किए गए हैं, लेकिन तस्वीर इसके बिल्कुल उलट है। अधिकतर पार्क बदहाल हैं।
गलियों के निर्माण में धांधली, लचर सफाई व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम पर लाखों खर्च होने के बावजूद बरसाती पानी के जलभराव की समस्या, बेसहारा पशु, बाजारों में अतिक्रमण, वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था का न होना जैसी समस्याएं हैं। विधायक गोकुल सेतिया विकास कार्यों में धांधली और भ्रष्टाचार के मुद्दे उठा रहे हैं। आॅटो मार्केट में चल रहे निर्माण कार्य तो कभी पार्कों के विकास कार्यों में घपले के आरोप विधायक ने लगाए हैं।
इतना विकास 20 सालों में नहीं हुआ : गोबिंद
पूर्व विधायक गोपाल कांडा के भाई व भाजपा नेता गोबिंद कांडा का कहना है कि सिरसा में पिछले 10 वर्षों में रिकार्ड विकास हुआ है। शहर की सभी गलियां पक्की हैं, वाटर वर्क्स का शुद्ध पानी घर-घर पहुंचाया गया है। पार्कों में ओपन जिम खुलवाएं हैं और रखरखाव पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज लाइन बिछाई जा रही है। दूसरे चरण का काम पूरा होने पर बरसाती पानी निकासी का स्थायी समाधान हो जाएगा।
निवासियों ने कहा
भादरा बाजार निवासी घनश्याम बंसल ने कहा कि चुनाव में मुख्य मुद्दा विकास का है। 20 साल से विकास नहीं हुआ। सड़कें, पानी, सीवरेज सब ब्लाॅक है। नीरज का कहना है कि जितना विकास होना चाहिए था, उतना हुआ नहीं। राज्य में भाजपा सरकार रही लेकिन फिर भी विकास नहीं हुआ। इस बार चेयरमैन पद के लिए सीधे चुनाव होने से विकास की आस जगी है। नवल किशोर का कहना है कि शहर की सफाई हो। स्वच्छ पानी हो। पिछली बार पार्षदों ने अपना प्रधान चुना था। इस बार सीधा प्रधान चुनने का मौका मिला है, उम्मीद है कुछ फायदा होगा। नोहरिया बाजार निवासी गृहिणी सरोज, रेणू का कहना है कि गलियों में दूषित पानी आता है।