मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

सिख फॉर जस्टिस पर जारी रहेगा पांच साल का बैन

05:00 AM Jan 05, 2025 IST

नयी दिल्ली, 4 जनवरी (एजेंसी)
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाले संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथान) अधिनियम (यूएपीए) ट्रिब्यूनल ने बरकरार रखा है।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता के यूएपीए ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि केंद्र द्वारा दिए गए साक्ष्यों से यह साबित होता है कि एसएफजे का बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के साथ संबंध है, साथ ही पंजाब में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ इसका सहयोग भी है।
फैसले में यह भी कहा गया है कि साक्ष्यों से यह बात उजागर होती है कि एसएफजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टरपंथी बनाने, हथियारों और विस्फोटकों की खरीद के लिए तस्करी नेटवर्क के माध्यम से आतंकवाद को वित्तपोषित करने और प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित राजनीतिक हस्तियों को जान से मारने की धमकी देने में शामिल है।
गौरतलब है कि 9 जुलाई, 2024 को जारी एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित करने की अवधि को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया था, जिसमें कहा गया कि पन्नू के नेतृत्व वाली एसएफजे की गतिविधियों में देश की शांति, एकता और अखंडता को बाधित करने की क्षमता है। इसके बाद, इस संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण थे या नहीं, इस पर निर्णय लेने के उद्देश्य से यूएपीए ट्रिब्यूनल को एक संदर्भ भेजा गया था।
गृह मंत्रालय के अनुसार, एसएफजे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से पंजाब में राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है।

Advertisement

Advertisement