सिंधु सभ्यता से लेकर मूर्ति कला तक के इतिहास से रूबरू हुए विद्यार्थी
सोनीपत, 8 अप्रैल (हप्र)
स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में आयोजित कार्यशाला के दौरान सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों ने सिंधु सभ्यता से लेकर मूर्ति कला तक के इतिहास को विस्तार से जाना। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को हरियाणा पुरातत्व स्थलों की जानकारी देने के मकसद से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन ब्यूटीफिकेशन सोसायटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री द्वारा किया गया।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में आयोजित कार्यशाला के प्रथम दिवस पर चंडीगढ़ से पहुंची पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की सुपरवाइजर सुरुचिका चावला ने विद्यार्थियों को रोचक तरीके से कई तरह की जानकारियां दी और बाद में बच्चों को मिट्टी के मटकों पर पेंटिग करना सिखाया। उसने बताया कि हजारों साल पहले मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जाता था। उस दौरान फूलों और वृक्ष की पत्तियों का इस्तेमाल कर रंग बनाए जाते थे जिनसे मिट्टी के बर्तनों के ऊपर रंग चढ़ाकर उनको सुंदर रूप दिया जाता था। इस दौरान उन्होंने हरियाणा भर में जमीन की खुदाइयों से निकली मूर्तियों के बारे में भी जानकारी दी।
स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग हरियाणा के साझा कार्यक्रम के तहत यह कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें प्रथम दिन सरकारी स्कूलों के छठी से आठवीं कक्षा तक के चयनित 25 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिभागी विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी सौंपे गए। ब्यूटीफिकेशन सोसायटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बच्चों को संग्रहालय से सबंधित जानकारी देते हुए बताया कि यहां 23 गैलरियों में 100 से 5 हजार वर्ष पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं। सभी वस्तुएं वास्तविक स्वरूप में हैं। सभी वस्तुओं का संग्रह स्थानीय लोगों के सहयोग से किया गया है।