साहित्य सामाजिक परिवर्तन का सशक्त साधन : डॉ. रविंदर
चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीओई) की डॉ. रविंदर कौर ने कहा, 'सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए साहित्य एक शक्तिशाली उपकरण है।' डॉ. कौर पीयू के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित दलित साहित्य और सक्रियता: नीचे से सामाजिक विकास पर पुनर्विचार विषय पर व्याख्यान दे रही थीं। अपने व्याख्यान में डॉ. कौर ने विभिन्न विषयों के छात्रों को हाशिए पर रहने वाले समुदायों, विशेषकर दलितों के सामने आने वाले मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाने में साहित्य की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि साहित्य कैसे जागरूकता और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक नीतियों को सामाजिक आयामों को एकीकृत करना चाहिए, क्योंकि उन्हें नजरअंदाज करने से अधूरा और असमान ढांचा तैयार होता है। इन विचारों को स्पष्ट करने के लिए, उन्होंने पंजाबी दलित साहित्य से चयनित कविताओं का पाठ किया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे साहित्यिक अभिव्यक्तियाँ प्रतिरोध और पहचान के दावे के रूप में कार्य करती हैं। अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. स्मिता शर्मा ने अनुसंधान को अधिक सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाने के लिए अंतः विषय संवाद के महत्व को रेखांकित किया।