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सर्जरी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल व रोबोटिक सर्जरी लाएगी बड़े बदलाव : उषा किरण

04:30 AM Mar 03, 2025 IST
सर्जरी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल व रोबोटिक सर्जरी लाएगी बड़े बदलाव   उषा किरण
भिवानी में प्रेसवार्ता करते अंतरराष्ट्रीय लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. उषा किरण। -हप्र
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भिवानी, 2 मार्च (हप्र)

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आने वाले समय में रोबोटिक व एआई के बढ़ते प्रयोग से सर्जरी कार्य आसान और पूर्णयता दक्षता के साथ होंगे। इस प्रकार की सर्जरी में कम से कम चीरा लगेगा और मरीज भी जल्दी रिकवर होंगे। यह बात दुबई से भिवानी पहुंची अंतरराष्ट्रीय लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. उषा किरण ने कही। वे भिवानी के भारद्वाज मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में तीन दिवसीय एडवांस्ड गायनी लेप्रोस्कोपिक वर्कशॉप के समापन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं।

डॉ. उषा ने बताया कि महिलाओं में बच्चेदानी, रसौली, ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियों से बचने के लिए समय रहते अपनी नियमित जांच करवानी चाहिए। हमें किसी भी बीमारी की गंभीरता पर किए जाने वाले खर्च के बजाय बीमारी की रोकथाम पर खर्च करना चाहिए। यह एक आसान व सस्ता तरीका है। उन्होंने फूड सेफ्टी को लेकर भी चर्चा की और कहा कि हमें आर्गेनिक फूड का प्रयोग करते हुए बीमारियों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। घर के आसपास या छोटे प्रांगण में रोजमर्रा जरूरत की सब्जियों का उत्पादन करना चाहिए। बाजार से लाई गई सब्जियों व फलों को पहले पानी में डूबोकर रखने के बाद नल के बहते जल में धोकर ही प्रयोग करना चाहिए।

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चैरिटी ऑपरेशन्स करने भारत आती रहीं हैं डॉ. उषा

डॉ. उषा किरण ने कहा कि लेप्रोस्कोप में डॉक्टर मरीज के शरीर में बिना किसी बड़े चीरा किये हुए उदर या श्रोणि के अंदर तक सर्जरी करने में सक्षम हो जाते हैं। दूरबीन ऑपरेशन के दौरान आमतौर पर, हर चीरे पर एक या दो टांके लगाना आम बात है, लेकिन कुछ चीरे बहुत छोटे होने पर टांके लगाने की ज़रूरत नहीं होती। गौरतलब है कि डॉ. उषा किरण समय-समय पर भारत आकर दूरदराज के क्षेत्रों लेह, कारगिल में जरूरतमंदों के चैरिटी आधार पर कैंप लगाकर ऑप्रेशन करती रहीं हैं। वे इन दिनों महाकुंभ स्नान के बाद भिवानी में चैरिटी ऑपरेशन करने व वर्कशॉप में भाग लेने के लिए पहुंचीं थी। वह यूएई में निशान रहित सर्जरी करने वाली पहली डॉक्टर हैं। इस अवसर पर डॉ. शिवशंकर भारद्वाज, डॉ. कमला भारद्वाज, डॉ. स्वाति भारद्वाज और डॉ. सीमा भारद्वाज भी मौजूद रहे। तीन दिवसीय वर्कशॉप के दौरान 10 से अधिक ऑपरेशन करने के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की।

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