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सरस्वती हेरिटेज के 4 जेई और एबीपीओ कार्यभार मुक्त

04:25 AM Jan 11, 2025 IST
सरस्वती हेरिटेज के 4 जेई और एबीपीओ कार्यभार मुक्त
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कैथल, 10 जनवरी (हप्र)
कैथल में हुए मनरेगा घोटाले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने मामले में अनियमिताएं बरतने वाले सरस्वती हेरिटेज के चार जेई व सीवन की तत्कालीन एबीपीओ को तुरंत प्रभाव से कार्यभार मुक्त कर दिया है। सभी को तुरंत प्रभाव से अपने मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

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मुख्यमंत्री ने विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव के माध्यम से इस मामले की एक्शन टेकन रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को भी कहा है। सरस्वती हेरिटेज डिवीजन नंबर 3 के एक्सईएन दिग्विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सभी को कैथल से रिलीव कर दिया गया है। उन्होंने बीडीपीओ को इस मामले में जांच के लिए लिखा था। जांच के बाद जेई सोनू, शैलेंद्र कुमार, शुभम धीमान व मनीष कुमार के काम में खामियां पाई गई थी।

मजदूरों की हाजिरी लगाने में बरती लापरवाही में इनकी संलिप्तता पाई गई थी। इसके बाद उन्होंने नोटिस देकर इन सभी चार जेई को सोमवार तक जवाब देने के लिए कहा था। वे जवाब दे पाते उससे पहले ही मुख्यमंत्री ने सभी को कार्यभार मुक्त कर दिया है। सरकार से प्राप्त आदेश के बाद सभी का मुख्यालय चंडीगढ़ निर्धारित किया गया है। सरकार इस पूरे मामले की अपने स्तर पर भी जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आने तक सभी जूनियर इंजीनियर हेड ऑफिस से अटैच रहेंगे।

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कैथल जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की 7 जनवरी को हुई बैठक में सांसद नवीन जिंदल के सामने गुहला के विधायक देवेंद्र हंस ने मनरेगा में हुए घोटाले का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सांसद ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके अगले दिन सीवन की बीडीपीओ नेहा शर्मा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया था कि गांव कक्कहेड़ी के तीन मनरेगा मेट्स रणधीर सिंह, अनुज व सतपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के सरस्वती हेरिटेज डिवीजन नंबर 3 के जेई सोनू, शैलेंद्र कुमार, शुभम धीमान व मनीष कुमार के काम में खामियां पाई गई थी। इसी मामले में राजौंद मनरेगा की एबीपीओ प्रियंका को भी कार्य मुक्त किया गया है। वे पहले सीवन में तैनात थी।

मनरेगा में लगी थी विदेश में बैठे लोगों की हाजिरी

शिकायत के अनुसार सीवन ब्लॉक के गांव ककराला अनायत में मनरेगा योजना के तहत विदेश में रह रहे 40 लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उनकी हाजिरी लगाकर मजदूरी के लाखों रुपए हड़प लिए गए हैं। गांव के ही अमरीक सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि गांव के करीब 22 लोग जो जर्मनी, इटली, फ्रांस, मलेशिया और पुर्तगाल जैसे देशों में रहते हैं। उनके नाम पर जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। इन्हें मनरेगा मजदूर दिखाकर उनके खातों में रुपए भेजे गए। उनके खातों में भेजी गई लाखों रुपए की रकम में से इन मजदूरों को खाते द्वारा मामूली सी हजार 2 हजार रुपए की रकम ही दी जाती थी। बाकी रुपए मेट व अधिकारियों के बीच बांट लिए जाते थे। उनके गांव में वास्तव में काम करने वाले मजदूरों की संख्या लगभग 40 है। लेकिन 328 लोगों के नाम पर जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इसी मामले की जांच करते हुए मेट व जेई विरुद्ध एक्शन लिया गया था।

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