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सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में जारी होगी डाक टिकट

10:51 AM Oct 06, 2023 IST
सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में जारी होगी डाक टिकट
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चंडीगढ़, 5 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार द्वारा 7 अक्तूबर को नयी दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य के राज्याभिषेक दिवस के मौके पर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्यातिथि होंगे। केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवू सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस मौके पर सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में डाक टिकट जारी किया जाएगा।
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ़ अमित अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि राज्य सरकार की ‘संत महापुरुषा सम्मान एवं विचार प्रसार योजना’ के तहत यह आयोजन होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार प्रो़ रविंद्र शर्मा, केंद्र सरकार के पूर्व सचिव विश्वपति त्रिवेदी, दिल्ली सर्कल की चीफ पोस्ट मास्टर जनरल मंजू कुमार सिंह इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य को हेमू के नाम से भी जाना है। लगभग 450 वर्ष पहले मध्यकालीन भारतीय इतिहास में 22 युद्धों में लगातार विजयी रहे व अकबर की फौजों को हराकर दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य ऐसे हिंदू राजा थे, जिनमें वीरता, रणनीतिक कौशल और राजनीतिक दूर दृष्टि का अद्भुत मेल था। उन्होंने बताया कि कई इतिहासकारों ने उनकी शूरवीरता, निर्भीकता और सफलता के दृष्टिगत हेमू को मध्यकालीन भारत का नेपोलियन कहकर संबोधित किया है। डॉ़ अग्रवाल ने बताया कि सम्राट हेमू शुरूआती दौर में रेवाड़ी में आकर बसे थे। इतिहासकारों के अनुसार, सम्राट हेमू का जन्म 1501 में राजस्थान के अलवर जिले के ‘मछेरी’ गांव में राय पूर्ण दास के यहां हुआ था। उनके पिता पुरोहिताई का कार्य करते थे और 1516 में व्यापार करने के लिए मछेरी से रेवाड़ी चले आए। रेवाड़ी उन दिनों एक अच्छा-खासा व्यापार केंद्र था और रेवाड़ी में रहते हुए ही सम्राट हेमू ने अपनी शिक्षा ग्रहण की और विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।
महानिदेशक ने बताया कि सम्राट हेमू ने अपने जीवनकाल के दौरान इटावा, काल्पी, बयाना आदि सूबों पर बड़ी ही सरलता से कब्जाकर कर वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी भागों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। इसके बाद 6 अक्तूबर, 1556 को तुगलकाबाद के पास मात्र एक दिन की लड़ाई में हेमू ने अकबर की फौजों को हराकर दिल्ली को फतेह कर लिया। इसके बाद 7 अक्तूबर, 1556 को सम्राट हेमू का दिल्ली के पुराने किले (जो वर्तमान में प्रगति मैदान के सामने हैं) में अफगान तथा राजपूत सेनानायकों के सानिध्य में पूर्ण धार्मिक विधि-विधान से राज्याभिषेक किया गया।

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हिंदू राज की हुई थी स्थापना

सम्राट हेमू ने शताब्दियों से विदेशी शासन की गुलामी में जकड़े भारत को मुक्त कराकर हेमचंद्र विक्रमादित्य की उपाधि धारण की और दक्षिण भारत में स्थापित विजय नगर साम्राज्य की तर्ज पर उत्तर भारत में हिंदू राज की स्थापना की। सम्राट हेमू ने अपने चित्रों वाले सिक्के ढलवाये, सेना का प्रभावी पुर्नगठन किया और बिना किसी अफगान सेना नायक को हटाए हिंदू अधिकारियों की नियुक्ति की और सम्राट हेमू अपने कौशल, साहस और पराक्रम के बल पर ‘हेमचंद्र विक्रमादित्य’ के नाम से देश की शासन सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर आसीन हुए।

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