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समाजसेवा के लिए आज भी याद किए जाते हैं प्रकाश चंद बत्तरा : हुड्डा

05:13 AM Jan 20, 2025 IST
रोहतक में रविवार को हवन-यज्ञ में आहुति डालते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व रोहतक के विधायक भारत भूषण बतरा। -हप्र

हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 19 जनवरी
हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री सुभाष बत्तरा के पिता स्वर्गीय प्रकाश चंद बत्तरा की 15वीं पुण्यतिथि पर हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व स्पीकर एवं बेरी के विधायक रघुवीर कादयान, विधायक भारत भूषण बतरा, पूर्व विधायक ओम मेहता, पूर्व कमिश्नर अशोक मेहता, पूर्व विधायक संत कवार, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, अनिल सैनी, जाट शिक्षण संस्थानों के प्रधान गुलाब सिंह दिमाना, पूर्व मंत्री श्रीकृष्ण हुड्डा के पुत्र जीता हुड्डा, व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग, निगम पार्षद गुलशन ईश पुनियानी, कांता आलडिया, कुलताज सिंह, सुमित सोनी, सतीश बंधु, परमजीत तहलान, रविंद्र मलिक, धीरज बजाज, आशीष दलाल, रोटरी क्लब के प्रधान डॉ. जेपी अरोड़ा सहित कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हवन-यज्ञ में आहुति डालकर श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय प्रकाश चंद बत्तरा आर्य समाजी विचारधारा के धनी रहे। उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों के लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। उन्होंने समाज में अपनी अलग पहचान बनाई। पूर्व स्पीकर एवं बेरी के विधायक रघुवीर कादयान ने कहा कि स्वर्गीय प्रकाश चंद बत्तरा दलगत राजनीति से हमेशा दूर रहे। उनका रोहतक के विकास में अहम योगदान रहा।
पूर्व मंत्री सुभाष बत्तरा ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि वह अपने पिता स्वर्गीय प्रकाश चंद बत्तरा को अपना आदर्श मानते हैं। वह पहले शख्स थे, जिन्हें नगरपालिका रोहतक का अध्यक्ष चुना गया। वह पहले प्रधान थे और सबसे लंबे समय तक प्रधान रहे। चार बार नगर पार्षद रहे। उनके पिता 8 साल तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सदस्य भी रहे। इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। इस दौरान चौधरी देवीलाल भी उनके साथ जेल में बंद थे। चौधरी देवीलाल जब जेल से बाहर आए तो सीधे उनके घर आए थे और यहां दो दिन तक रुके थे।
सुभाष बत्तरा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह भी उनके पिता से मिलने उनके निवास पर आए थे। बत्तरा ने बताया कि उनके चाचा पूर्ण लाल बत्तरा ने एक एकड़ में 102 मन गेहूं उगाने का रिकॉर्ड बनाया था जिसके लिए उन्हें कृषि पंडित की उपाधि मिली और उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अनिल बत्तरा, शेखर बत्तरा, गौतम बत्तरा, शरत, निखिल, स्नेह दुआ, कल्पना बत्तरा सहित सभी परिजन उपस्थित थे।

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