सफीदों को जिला बनाने की मांग को लेकर आमजन लामबंद
सफीदों, 25 दिसंबर (निस)
प्रदेश में कई नए जिले बनाने की चर्चाओं के बीच सफीदों में भी सफीदों उपमंडल को जिले का दर्जा दिलाने की मांग के साथ लोग लामबंद होने लगे हैं।
इसके लिए यहां रामलीला मैदान में तीन दिन पूर्व हुई बैठक में एक संघर्ष समिति का गठन सफ़ीदों राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुभाष जैन की अध्यक्षता में किया गया है। इस समिति ने 29 दिसंबर को नागक्षेत्र परिसर के हाल में एक बड़ी बैठक निर्धारित की है। इस बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों, सभी राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं, व्यापारियों, किसानों, कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया है। इस मांग को लेकर क्षेत्र की युवा पीढ़ी में काफी जोश दिखाई पड़ रहा है। ग्राम पंचायतों, समाजसेवी संस्थाओं, निजी स्कूलों व जातीय संगठनों से प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों का कहना है कि 29 दिसंबर की बैठक में संघर्ष समिति का विस्तार किया जाएगा और ज्ञापन तैयार कर सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यदि सरकार ने सफीदों को जिला बनाने की मांग को स्वीकार नहीं किया तो फिर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इनका कहना है कि सफीदों बहुत पुराना नगर है जिसका महाभारतकालीन महत्व है और प्रशासनिक दृष्टि से भी इससे पुरानी कई तहसीलों को पहले ही जिला का दर्जा दिया जा चुका है। बता दें कि बीत गई 24 जून को गोहाना में संत कबीर दास की 626वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी घोषणा कर चुके हैं कि यदि अनिवार्यताओं पर खरा उतरा तो गोहाना को प्रदेश का 23वां जिला बनाया जाएगा। उधर सफीदों के अत्यंत करीबी कस्बे असन्ध उपमंडल में भी असन्ध को जिला बनाए जाने की मांग है। 26 दिसंबर को असन्ध में मुख्यमंत्री की जनसभा निर्धारित थी। इस जनसभा को लेकर केवल असन्ध ही नहीं सफीदों व आसपास के इलाकों के लोगों की भी नजर थी कि मुख्यमंत्री नए जिले बनाने के मुद्दे पर क्या घोषणा करते हैं। इस जनसभा को किन्ही कारणों से रद्द कर दिया गया है।