सनातन धर्म को समझना है तो पढ़ें सत्यार्थ प्रकाश : आचार्य बालकृष्ण
कुरुक्षेत्र, 9 फरवरी (हप्र)
पतजंलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश लिखकर सनातन धर्म की रक्षा की है। वे रविवार को ब्रह्मसरोवर योगभवन में आयोजित चतुर्वेद पारायण महायज्ञ में आहुति डालने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सनातन भारत ही वास्तव में सुरक्षित संसार है। सनातन ने सभी की मंगल कामना की है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जीवन में यदि ऊर्जा चाहिए और यदि सनातन धर्म को समझना है तो सत्यार्थ प्रकाश पढ़े। सत्यार्थ प्रकाश ने न जाने कितने लोगों का जीवन बदल दिया है और न जाने कितने लोगों का जीवन बदलने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा ने देश की शिक्षा को बिगाड़ दिया है, जिसके लिए वैदिक शिक्षा बोर्ड का गठन करवाकर भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। सीता पट्टा रमैया ने अपने लेख में स्पष्ट किया है कि देश को आजाद करवाने वाले लोगों में 85 प्रतिशत लोग महर्षि दयानंद सरस्वती और आर्य समाज से प्रभावित थे। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कल्कि धाम के पठाधिश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि सनातन भारत पूरे विश्व को सुरक्षित करता है। उन्होंने कहा कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किस धर्म और मजहब को मान रहा है, लेकिन कोई भारत के विरोध की बात करता है तो वह भारत का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती का चितंन पूरी दुनिया के लिए आदर्श है। कार्यक्रम संयोजक स्वामी संपूर्णानंद सरस्वती ने कहा कि यदि परिवार को सुखी बनाना है तो राष्ट्र वादी नवयुवक तैयार करने है, नशे से और पाखंड से दूर रहना है और सच्ची भक्ति करनी है तो स्वयं भी सत्यार्थ प्रकाश पढ़े और दूसरो को भी पढ़ाएं।