For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

संभावित खतरों का पता लगाने के लिए निगरानी दायरा बढ़ाना जरूरी : एयर मार्शल

04:31 AM Jun 12, 2025 IST
संभावित खतरों का पता लगाने के लिए निगरानी दायरा बढ़ाना जरूरी   एयर मार्शल
Advertisement
नयी दिल्ली, 11 जून (एजेंसी)सीमा तक पहुंचने से पहले ही संभावित खतरों का पता लगाने के लिए हमारे निगरानी दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता है। एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।
Advertisement

सुब्रतो पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में चीफ आफ इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ (सीआईएससी) एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखाया है कि स्वदेशी नवाचार को अगर उचित तरीके से उपयोग में लाया जाए तो ये अंतरराष्ट्रीय मानदंडों की बराबरी कर सकता है और उनसे आगे भी निकल सकता है।

उन्होंने कहा कि निगरानी और ईओ (इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स) प्रणाली का क्षेत्र विकसित हो चुका है जो बल बढ़ाने वाला है और अब यह धीरे-धीरे एक आधार बन रहा है जिस पर आधुनिक सैन्य अभियान चलाए जा सकेंगे। एयर मार्शल दीक्षित ने समकालीन युद्ध में ‘गहन निगरानी’ के महत्व पर जोर दिया।

Advertisement

अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से सबक मिला है कि आधुनिक युद्ध में प्रौद्योगिकी के कारण दूरी और संवेदनशीलता के बीच के संबंध में मूलभूत परिवर्तन आ गया है। आज स्कैल्प, ब्रह्मोस आदि जैसे सटीक-निर्देशित हथियारों ने भौगोलिक बाधाओं को लगभग निरर्थक बना दिया है। जब हथियार सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों पर सटीक निशाना साध सकते हैं, तो सामने, आगे-पीछे, युद्ध क्षेत्र, गहराई वाले क्षेत्र जैसी पारंपरिक अवधारणाएं अप्रासंगिक हो जाती हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह नयी वास्तविकता मांग करती है कि हम अपनी निगरानी का दायरा उससे कहीं अधिक बढ़ाएं जिसकी पिछली पीढ़ियां कल्पना भी नहीं कर सकती थीं। वह थिंक-टैंक सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज (सीएपीएस) और ‘इंडियन मिलिट्री रिव्यूज' (आईएमआर) द्वारा सर्विलांस एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

Advertisement
Tags :
Advertisement