भिवानी, 29 जून (हप्र)परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में साध संगत के समक्ष फरमाया कि संतों की बाणी को सुनकर उसका चिंतन और मनन किया जाना चाहिए क्योंकि ये अनुभव की बाणी है। संतों के दरबार में बारम्बार जाना चाहिए, क्योंकि इससे आपका अभ्यास बनेगा और जगत जाल की भूल नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि माया भक्ति से मोह भंग करती है। काल हमेशा घात लगाए बैठा है, जो जीव इस संसारी जेल से निकल कर सतगुरु सतनाम और सत्संग की तरफ चलता है तो काल उसे अनेक प्रलोभन देता है। ये प्रलोभन आपको भक्ति से विमुख करेंगे। इस विमुखता को हम संत के बार बार दर्शन से और उनके संग को बार बार करने से टाल सकते हैं।