संगम में डुबकी मात्र नहीं बल्कि ज्ञान से मिलता है मोक्ष : रवि शंकर
जींद, 18 फरवरी (हप्र)
आध्यात्मिक गुरु आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर मंगलवार को जींद में महाकुंभ पर संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष प्राप्ति से लेकर हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन और खेती से जुड़े कई अहम मसलों पर खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि मोक्ष केवल महाकुंभ पर संगम में डुबकी लगाने मात्र से नहीं मिल जाता। मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान जरूरी है। महाकुंभ में जो संत महात्मा आए हैं, उनका ज्ञान ही मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता है। उन्होंने कहा कि एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं होनी चाहिए। नस्ल बचाने के लिए जरूरी है कि एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं हो और युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जाए। श्री श्री रवि शंकर मंगलवार दोपहर बाद जींद की श्री धाम सोसायटी में आयोजित फसल बचाओ, नस्ल बचाओ महासम्मेलन में हजारों लोगों से रूबरू होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक गोत्र और एक गांव में शादी नहीं करने के पीछे रूढ़िवाद नहीं है। इसके पीछे वैज्ञानिक सोच है। मेडिकल साइंस कहती है कि एक गोत्र और एक गांव में शादी करने से संतान कमजोर होती हैं। नस्ल बचाने के लिए जरूरी है कि एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं हो। एक गांव और एक गोत्र में शादी पर रोक लगाने के लिए खाप पंचायतों की हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग का वह समर्थन करते हैं। मंगलवार को जींद की श्री धाम सोसायटी में आयोजित ‘फसल बचाओ, नस्ल बचाओ’ सम्मेलन में श्री श्री रवि शंकर को सुनने और देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। श्री श्री रवि शंकर के स्वागत में आयोजकों ने पूरे शहर को उनके होर्डिंग्स से पाट दिया था। इस आयोजन को सफल बताते हुए आयोजक मंडल के सदस्य दयाकिशन गिल और नरेश जागलान ने कहा कि यह सम्मेलन हर लिहाज से ऐतिहासिक रहा।
हरियाणा पहलवानों और खिलाड़ियों की धरती
श्री श्री रवि शंकर ने हरियाणा को खिलाड़ियों की धरती बताते हुए कहा कि यह सिलसिला जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ‘कैंसर की खेती’ छोड़कर जैविक खेती अपनानी होगी। कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग को अब छोड़ना होगा। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान बहुत जरूरी है। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने भी नशा मुक्ति पर जोर दिया।