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संकट से सबक लें भारतीय विश्वविद्यालय

04:00 AM Jul 10, 2025 IST

हार्वर्ड का मुख्य लक्ष्य सार्वजनिक भलाई के लिए उच्च-स्तरीय शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना और अन्याय और अमानवीय कृत्यों का विरोध करने वाली उदार विचारधारा को बढ़ावा देना है।

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प्रो. सुखदेव सिंह

ज्ञान मानव चेतना और मेहनत से विकसित एक सतत सामाजिक शक्ति है, जो प्रारंभ में नि:शुल्क साझा और अनुकरण द्वारा बढ़ता रहा। समय के साथ, इसे आर्थिक और राजनीतिक संसाधन के रूप में संगठित किया गया, जिससे इसका उपयोग एक नियंत्रित यंत्र की तरह होने लगा। ज्ञान सामाजिक विरासत और जिम्मेदारी है।
ज्ञान साझा करने की नियंत्रित प्रणाली को शिक्षा प्रणाली कहा जाता है, जिसे राज्य की कानून व्यवस्था के तहत योजनाबद्ध किया गया है। आज इसे उद्योग और वित्तीय क्षेत्र धन उत्पादन के साधन के रूप में भी नियोजित किया जाता है। शिक्षा प्रणाली में ज्ञान के प्रसारण, अनुसंधान और विकास को राज्य सत्ता के प्रतिनिधि अपनी नीतियों के अनुसार नियंत्रित करते हैं, ताकि वे अपने हितों की सेवा कर सकें। विज्ञान, औद्योगिक क्रांति और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के उदय के बाद ज्ञान भी बाजार में एक वस्तु बन गया है। औद्योगीकरण, सामाजिक संरचना और श्रम परिवर्तन की जरूरत ने जन शिक्षा पर जोर बढ़ाया है। राजतंत्र से लोकतंत्र और उदार लोकतंत्र की ओर बदलाव ने मानव अधिकारों, बहुसंस्कृति, समानता और समावेश को उदार पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का मानवीय पहलू बनाया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका उदार पूंजीवादी नीतियों के साथ दुनिया के प्रमुख उदार लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है, जहां हर मूल के व्यक्ति को अपने सपनों को पूरा करने और योग्यता के आधार पर नागरिकता पाने का अवसर मिलता है। इसकी शिक्षा प्रणाली विश्व की श्रेष्ठ प्रणालियों में से एक मानी जाती है, जो उच्चतम कौशल और ज्ञान प्रदान करती है, जिसका उदाहरण हार्वर्ड विश्वविद्यालय है।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाली रूढ़िवादी पार्टी ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद उदार आव्रजन और शिक्षा नीतियों पर प्रतिबंध लगाने शुरू किए। ट्रम्प प्रशासन ने इस्राइल-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान यहूदी-विरोधी भावना रोकने में विफल रहने का आरोप लगाकर हार्वर्ड और अन्य विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की है। उनसे विद्यार्थी प्रवेश और फैकल्टी भर्ती डेटा साझा करने और समावेशी कार्यक्रम बंद करने को कहा गया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रम्प प्रशासन के डीईआई कार्यक्रमों को बंद करने और प्रवेश-भर्ती डेटा साझा करने के आदेश को मानने के बजाय अदालत में चुनौती दी है। इसके जवाब में संघीय सरकार ने हार्वर्ड की 2.2 बिलियन डॉलर की शोध अनुदान राशि रोक दी है, कर-मुक्त दर्जा वापस लेने और छात्र विनिमय प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश जारी किए हैं।
सरकारी प्रतिबंधों से हार्वर्ड को वित्तीय संकट के साथ-साथ विदेशी छात्रों के एफ और जे विज़ा नामांकन पर भी असर पड़ता, लेकिन हार्वर्ड ने अपने मूल्यों पर अडिग रहते हुए इन आदेशों को अदालत में चुनौती दी। अदालत ने सुनवाई तक सरकारी आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसने ट्रम्प-हार्वर्ड विवाद और अमेरिकी शिक्षा प्रणाली के भविष्य को दुनिया भर में बहस का विषय बना दिया है। ट्रम्प प्रशासन का लक्ष्य परस्पर विरोधी हितों का राजनीतिकरण करना, उदार विचारधाराओं के प्रसार को रोकना और संकीर्ण राष्ट्रवादी हितों को पूरा करना है, जबकि हार्वर्ड का मुख्य लक्ष्य सार्वजनिक भलाई के लिए उच्च-स्तरीय शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना और अन्याय और अमानवीय कृत्यों का विरोध करने वाली उदार विचारधारा को बढ़ावा देना है।
एक अध्ययन के अनुसार, अगस्त, 2024 में, हार्वर्ड मैसाचुसेट्स निवासियों का 5वां सबसे बड़ा नियोक्ता और कैम्ब्रिज शहर में सबसे बड़ा नियोक्ता था और वैश्विक स्तर पर हार्वर्ड के पूर्व छात्रों ने 146,429 नौकरियां पैदा की हैं। हार्वर्ड के कई पूर्व छात्र अपने देशों में शासक या नौकरशाह बन गए हैं। हार्वर्ड ने बेकिंग पाउडर, अंग प्रत्यारोपण, ओआरएस, फंक्शनल एमआरआई, पोर्टेबल सर्जरी, लॉजिकल क्वांटम प्रोसेसर और जीन-एडिटिंग दवाओं जैसे मानवता के लिए उपयोगी आविष्कार किए हैं। उसके पास लगभग 5,800 पेटेंट हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड की आय के मुख्य स्रोत दान तथा उपहार, शिक्षा-शिक्षण, आवास तथा खाद्य बिक्री, अनुसंधान अनुदान, जिसमें संघीय अनुदान और गैर-संघीय अनुदान है और अन्य स्रोत हैं। संघीय अनुसंधान अनुदान, जिसे ट्रम्प प्रशासन ने अवरुद्ध कर दिया है, जो अनुसंधान कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। सबसे चिंता की बात है कि अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों की सरकारी नीतियों को रोकने की शक्ति सीमित कर दी है। ट्रम्प प्रशासन के दबाव में वर्जीनिया विश्वविद्यालय के प्रमुख ने इस्तीफा दिया है। हार्वर्ड अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी सोच रहा है।
हार्वर्ड संकट से भारतीय विश्वविद्यालय कई सबक ले सकते हैं, जैसे शैक्षणिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देना, बहुसांस्कृतिक और समावेशी वातावरण बनाना, खुली बहस को प्रोत्साहन, शिक्षा को मानव कल्याण से जोड़कर दान आकर्षित करना, सरकारी निर्भरता घटाना, कल्याण आधारित कार्य संस्कृति अपनाना और सभी को निष्पक्ष, निडर व कानून के प्रति जागरूक बनाना।

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