प्रयागराज, 31 मई (एजेंसी)भारत के प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई ने शनिवार को कहा कि देश पर जब भी संकट आया उसने मजबूती और एकजुटता के साथ उसका सामना किया और इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए। यहां इलाहाबाद हाईकोर्ट में 680 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर भवन और मल्टी लेवल पार्किंग का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस गवई ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘जब संविधान का निर्माण किया जा रहा था और इसका अंतिम मसौदा संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, उस समय कुछ लोग कहा करते थे कि संविधान जरूरत से अधिक संघीय है तो कुछ लोग कहते थे यह जरूरत से अधिक एकात्मक है।' उन्होंने कहा, ‘बाबा साहेब ने इसका एक जवाब दिया था कि संविधान न तो पूर्ण संघीय है और न ही पूर्ण एकात्मक है। लेकिन एक चीज मैं आपको कह सकता हूं कि हमने ऐसा संविधान दिया है, जो भारत को शांति और युद्ध दोनों के समय एकजुट और मजबूत रखेगा।' उन्होंने कहा, ‘आज हम देखते हैं कि हमारे पड़ोसी देशों में क्या स्थिति है और भारत स्वतंत्रता के बाद विकास की यात्रा पर है। जब कभी संकट आया, देश एकजुट और मजबूत रहा। इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान लागू होने की 75 वर्ष की यात्रा में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सामाजिक और आर्थिक समानता लाने में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे कानून लाए गए, जिसमें जमींदार से जमीन लेकर भूमिहीन व्यक्तियों को दी गई। उन्होंने कहा, ‘समय-समय पर इन कानूनों को चुनौती दी गई।