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शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में बने किसान, मेथी-मूंग उगाई

05:00 AM Jul 10, 2025 IST
फाइल फोटो

नयी दिल्ली, 9 जुलाई (एजेंसी)
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने अंतरिक्ष प्रवास के अंतिम चरण में एक किसान की भूमिका में नजर आ रहे हैं। उन्होंने ‘पेट्री डिश’ में मूंग और मेथी उगाई, इसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के फ्रीजर में रखा एवं इनकी तस्वीर साझा की। शुक्ला ने यह कार्य एक अध्ययन के तहत किया है ताकि पता लगाया जा सके कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अंकुरण और पौधों के प्रारंभिक विकास को कैसे प्रभावित करता है।
एक्सिओम-4 यान से आईएसएस पहुंचे शुक्ला और उनके साथी कक्षीय प्रयोगशाला में 12 दिन बिता चुके हैं। उनके फ्लोरिडा तट पर मौसम की स्थिति के आधार पर, 10 जुलाई के बाद किसी भी दिन पृथ्वी पर लौटने की उम्मीद है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब तक आईएसएस से एक्सिओम-4 यान के अलग होने की तारीख की घोषणा नहीं की है। आईएसएस पहुंचे एक्सिओम-4 मिशन की अवधि 14 दिनों तक है। शुक्ला ने बुधवार को एक्सिओम स्पेस की मुख्य वैज्ञानिक लूसी लो के साथ बातचीत में कहा, ‘मुझे बहुत गर्व है कि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) देश भर के राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग करने और कुछ शानदार शोध करने में सक्षम रहा है, जो मैं सभी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए आईएसएस पर कर रहा हूं। ऐसा करना रोमांचक और आनंददायक है।’ मेथी और मूंग के बीज को अंकुरित करने के प्रयोग का नेतृत्व दो वैज्ञानिकों- रविकुमार होसामणि और सुधीर सिद्धपुरेड्डी कर रहे हैं।
शुक्ला ने बीजों के उगाने के प्रयोग की भी तस्वीरें लीं। इसके तहत मिशन के बाद भी कई पीढ़ियों तक छह किस्में उगाई जाएंगी। इसका लक्ष्य अंतरिक्ष में टिकाऊ खेती के लिए आनुवंशिक विश्लेषण हेतु वांछनीय गुणों वाले पौधों की पहचान करना है। उन्होंने कहा, ‘एक विशेष अनुसंधान जिसे लेकर मैं सचमुच उत्साहित हूं, वह है स्टेम कोशिका अनुसंधान, जिसमें वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या स्टेम कोशिकाओं में पूरक (सप्लीमेंट्स) जोड़कर स्वास्थ्य लाभ, वृद्धि या चोट से उबरने में तेजी लाना संभव है। मैं इसे करने के लिए सचमुच उत्साहित हूं।’
गगनयान प्रणोदन प्रणाली के ‘हॉट टेस्ट’ सफलतापूर्वक पूरे
बेंगलुरू (एजेंसी) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने प्रणोदन परिसर में गगनयान सेवा मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (एसएमपीएस) के दो ‘हॉट टेस्ट’ (तप्त परीक्षण) सफलतापूर्वक पूरे किए। ‘हॉट टेस्ट’ एक प्रकार का परीक्षण होता है जिसमें रॉकेट या अंतरिक्ष यान की प्रणोदन प्रणाली को वास्तविक स्थितियों में चलाकर परखा जाता है।

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कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा बीजों को
एक्सिओम स्पेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एक बार पृथ्वी पर वापस आने के बाद, बीजों को कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, ताकि उनके आनुवंशिकी, सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र और पोषण प्रोफाइल में होने वाले बदलावों का पता लगाया जा सके। एक अन्य प्रयोग के तहत शुक्ला सूक्ष्म शैवाल ले गए हैं, जिनकी भोजन, ऑक्सीजन और यहां तक कि जैव ईंधन उत्पन्न करने की क्षमता की जांच की जा रही है।

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