शुगर मिल में बनेगा मिक्स बैड बॉयो सीएनजी प्लांट
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 21 दिसंबर
पराली किसानों के साथ केंद्र, राज्य सरकारों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पराली का विकल्प खोजने के लिए सरकारें लगी हुई हैं। बावजूद इसके काफी संख्या में किसान पराली जला रहे हैं, जिससे हवा जहरीली होने के आरोप किसानों पर लगते रहते हैं। किसानों को इन सब मुसीबतों से राहत दिलाने के लिए सहकारी शुगर मिल करनाल प्रबंधन आगे आया है। मिल प्रबंधन ने 10 टन का मिक्स बैड बॉयो सीएनजी प्लांट लगाने का प्रपोजल तैयार किया है, जिस पर अनुमानित करीब 50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। प्लांट लगने के बाद किसानों के समक्ष मुसीबत बन चुकी पराली को मिल द्वारा सीधे तौर पर खरीदा जाएगा, जिससे किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेंगी। साथ ही किसानों को पराली बेचकर अतिरिक्त आमदनी होगी। इससे पराली जलाने से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से काफी हद तक मुक्ति मिल पाएगी।
नये प्रपोजल अनुसार मिल प्रबंधन करीब 20 हजार एकड़ पराली की खरीद करेगा। जबकि शुगर मिल से निकले अपशिष्ट से करीब 80 दिन प्लांट चलेगा बाकी के दिन किसानों से खरीदी पराली से चलाया जाएगा। इससे बनी सीएनजी से मिल को 10 से 15 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। मिल द्वारा बनाई जाने वाली सीएनजी को बेचने के लिए आईजीएल के साथ करार किया जाएगा, साथ ही आईजीएल मिल ज्वाइंट पार्टनर होगा।
एक्सपर्ट की मानें तो एक टन पराली से 80 से 90 किलो गैस निकलती हैं, पोल्ट्री के वेस्ट के एक टन से 40 से 50 किलो गैस निकलती है। गैस को मिल के साथ जा रही पाइप लाइन के साथ जोड़ा जाएगा, साथ ही मिल के पेट्रोल पंप से एक कनेक्शन दिया जाएगा, जिससे वाहन चालक पंप से सीएनजी भरवा सकते है।
'10 एकड़ में मिक्स बैड बॉयो सीएनजी प्लांट लगाने का प्रपोजल तैयार किया है। प्लांट पराली सहित अन्य अवशेषों से चलाया जाएगा] जिससे सीएनजी गैस बनाई जाएगी। इसके लिए किसानों से पराली खरीदी जाएगी, किसानों को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, साथ ही अतिरिक्त आमदनी भी होगी। पराली जलाने से पर्यावरण पर पड़ने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मिल पहले से ही बिजली का उत्पादन कर रहा है, जिससे मिल को पिछले साल करीब 22 करोड़ 30 लाख रुपए की अतिरिक्त आय हुई। उन्होंने कहा कि नया सीएनजी प्लांट लगने से वाहन चालकों को सीएनजी मिलेगी, साथ ही पर्यावरण भी साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी।'
-हितेंद्र कुमार, एमडी, शुगर मिल, करनाल।
'सहकारी शुगर मिल ज्यादा मुनाफे में रहे, भविष्य में भी मिल आर्थिक रूप से मजबूत बना रहे। इसके लिए कई नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है।'
-हरविंद्र कल्याण, विधानसभा स्पीकर, हरियाणा