फरीदाबाद, 5 मार्च (हप्र)प्राइवेट स्कूल संचालकों ने नए शिक्षा सत्र के लिए नए दाखिलों के लिए मनचाही फीस बढ़ा दी है और पुराने छात्रों से भी बढ़ी हुई फीस वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है जबकि उन्होंने जरूरी फार्म-6 जमा नहीं कराया है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि फॉर्म-6 के ब्योरे की सत्यता की जांच करने में प्राइवेट स्कूलों की हेराफेरी पकड़ में आ सकती है। इसलिए स्कूल संचालक समस्त ब्योरे को भरकर फार्म-6 जमा नहीं कराते हैं, यदि करते भी हैं तो आधा-अधूरा व कई जानकारी को छिपाकर करवाते हैं।मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व विधि सलाहकार एडवोकेट बीएस बिरदी ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए सभी प्राइवेट स्कूलों को फॉर्म-6 के समस्त ब्योरे को भरकर एक फरवरी तक शिक्षा निदेशक पंचकूला के पास ऑनलाइन व उसकी हार्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा करनी होती है। इसके अलावा जमा कराए गए फार्म-6 के ब्योरे की कॉपी स्कूल की वेबसाइट पर डालना व नोटिस बोर्ड पर चिपकाना अनिवार्य होता है। इससे अभिभावकों को भी इस बारे में सही जानकारी मिल सके। फॉर्म-6 में स्कूल की समस्त सुविधाओं का ब्योरा, आगामी सत्र में फीस बढ़ाने की वैधानिकता, पिछले सत्र में अभिभावकों से वसूली सब तरह की फीस, टीचर व स्टाफ को दी गई सैलरी, खर्च का ब्योरा आदि अनेक जानकारी बतानी होती है। शिक्षा निदेशक हरियाणा उस ब्योरे की सत्यता की जांच पड़ताल करके फीस बढ़ाने की अनुमति प्रदान करता है।यह हेराफेरी कर रहे प्राइवेट स्कूलमंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से ट्यूशन फीस व अपनी मर्जी से बनाए गए गैर कानूनी फंडों में काफी फीस वसूलते हैं जबकि फॉर्म-6 में कम फीस वसूलना दिखाते हैं। अपने टीचर व स्टाफ को कम तनख्वाह देते हैं जबकि फार्म-6 में ज्यादा भगुतान दिखाते हैं। बैलेंस व ऑडिट रिपोर्ट में कई गैर कानूनी मदों में खर्चा दिखाकर आमदनी व खर्चे को बराबर दिखाते हैं। स्कूल के लाभ के पैसे को बाहर डायवर्ट करना दिखाते हैं। यह सब बातें फॉर्म-6 की जांच में पकड़ में आ सकती हैं और टीचर व अभिभावकों को पता चल सकती हैं इसलिए स्कूल संचालक फॉर्म-6 भरकर जमा नहीं कराते हैं।सीएम और शिक्षा मंत्री से कार्रवाई करने की मांगमंच ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव से इन सब बातों की जांच करने और दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों की बढ़ी हुई फीस जमा करने से पहले स्कूल संचालकों से उनके द्वारा जमा कराए गए फॉर्म 6 के समस्त ब्योरे की कॉपी मांगे, यह उनका कानूनी अधिकार है। अपनी किसी भी समस्या के लिए मंच के विधि सलाहकार एडवोकेट बीएस बिरदी से जिला अदालत कार्यालय में संपर्क करें।