शिक्षा के साथ इंसान के आचार-विचार का भी सही होना जरूरी : दत्तात्रेय
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे चाहे वैज्ञानिक बनें या उद्योगपति लेकिन देश, समाज, अपनी कर्मभूमि और जन्म भूमि के प्रति अपना दायित्व ना भूलें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत का टैक्सटाइल के क्षेत्र एक्सपोर्ट करीब नौ लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं तीन करोड़ से भी अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि भिवानी में टीआईटी की स्थापना उद्योगपति एवं समाजसेवी जीडी बिड़ला ने ऐसे समय में की थी, जब देश द्वितीय विश्व युद्ध के अंधेरे बादलों से घिरा हुआ था। करीब 90 साल पहले स्थापित इस संस्थान ने हजारों इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों, उद्यमियों और समाज में बदलाव लाने वाले नेताओं को तैयार किया है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एके्रडिटेशन के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि समाज को बेहतर बनाने वाले नवाचार उत्पन्न करना भी है। एमडीयू रोहतक के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि शिक्षा तब सार्थक होती है, जब वह चरित्र निर्माण, कौशल विकास और सामाजिक उत्थान के लिए प्रेरित करे।
वहीं, सीबीएलयू की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि शिक्षा केवल धन अर्जित करने या नया सीखने के लिए ही नहीं होती, बल्कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छा इंसान बनना होना चाहिए। टीआईटी के पूर्व छात्र व प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी अनिल जैन ने कहा कि जो मूल्य, अनुशासन और शिक्षा उनको यहां मिले, वे उनकी औद्योगिक यात्रा की आधारशिला बने। संस्थान के निदेशक प्रो. बीके बेहरा ने सभी मेहमानों का आभार जताया।
राज्यपाल ने स्वदेशी सामग्रियों की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
इस दौरान अनेक प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया गया, जिसका राज्यपाल ने उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से टेक्सटाइल कंपोजिट्स, जिओ सिंथेटिक, फंक्शनल क्लॉथिंग, वेस्ट टू वेल्थ, स्पोट्र्स वियर, आईओटी स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम, वर्ल्ड ऑफ टेक्सटाइल फाइबर्स, रिमिक्सिंग चेरियल सेंपलिंग, रिकंस्ट्रक्टिंग एप्लिक हेरिटेज, सैफ टेक, प्रमुख रूप से शामिल रही।