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वोट कैंसिल करने पर जाट संस्था में बवाल

05:08 AM Dec 24, 2024 IST
वोट कैंसिल करने पर जाट संस्था में बवाल
कैथल के जाट स्कूल में आपत्तियां दर्ज करवाते जाट संस्था के सदस्य। -हप्र
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कैथल, 23 दिसंबर (हप्र)
वोट कैंसिल होने पर सोमवार को जाट संस्था में बवाल हो गया। चेक बुक और डीडी न होने पर वोट काटने की सूचना पाकर पहुंचे लोगों ने हंगामा किया और ऑब्जेक्शन लगाकर वोट काटने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इन लोगों ने बताया कि संस्था ने 3200 से अधिक लोगों के वोटो पर ऑब्जेक्शन लगा दिया है। ये ऑब्जेक्शन चेक बुक जारी न होने के चलते लगाया गया है। जिला प्रशासन की ओर से प्रशासक एडीसी ने कहा कि लोगों को आपत्तियां दूर करने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है। संस्था का नियम है कि जाट संस्था की सदस्यता के लिए चेक बुक और डीडी होना जरूरी है। आरबीआई अनपढ़ ग्राहक को चेक बुक जारी नहीं करता तो इस हालत में कोई महिला है तो उसके पति की चेक बुक का इस्तेमाल किया जा सकता है। बावजूद इसके अब संस्था वोट कैंसिल कर रही है। लोगों ने कहा कि पैसे काटने के बावजूद उनके वोट नहीं बने हैं। चार चार साल पुराना बैंक रिकॉर्ड लाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बैंक वाले कहते है कि जब डीडी दे दिया तो डिटेल की क्या जरूरत है। वोट काटने पर एक व्यक्ति ने बताया कि संस्था वाले न तो डीडी वाली गाइड लाइन पर खरे उतर रहे हैं और न ही चेकबुक वाली पर। उनकी आठ वोट काट रखी हैं। जिनकी सभी की पेमेंट चेक बुक से की गई थी। इसके पीछे क्या मंशा है समझ नहीं आ रहा। लिस्ट लगाने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। ऑब्जेक्शन करने के लिए सिर्फ दो दिन का समय दिया गया है। गुहना निवासी अमित ने बताया कि 2021 में उसका कार्ड बना था। अब कह रहे है ये रद्द कर दिया गया है। गुहणा खाप के प्रधान जय भगवान ने कहा कि जाट संस्था अच्छे से कम कर रही थी लेकिन अब उसमें कुछ शरारती तत्व घुस आए हैं। जो संस्था का माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं। जाट संस्था के एडमिनिस्ट्रेटर एडीसी दीपक बाबू लाल ने बताया कि जब वोट का रिकॉर्ड चेक किया गया तो 3200 ऐसे वोट मिले जो नियमों पर खरे नहीं उतर रहे थे। उन पर ऑब्जेक्शन लगाया गया है। इन लोगों की सदस्यता में खामियां पाई गई हैं। ऐसे लोगों को मंगलवार शाम तक का समय नए डीडी जमा करने,चेक बुक देने व दूसरी खामियां दूर करने के लिए दिया गया है। इसके बाद वोटर लिस्ट को दोबारा जांच जाएगा। इसके बाद संस्था के नियमों के अनुसार आपत्तियां दूर करने वाले लोगों की सदस्यता बहाल कर दी जाएगी।

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